जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत से पूरे देशवासियों में पाकिस्तान के खिलाफ गहरा आक्रोश फैला है. युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को पूरे देश में मॉकड्रिल और ब्लैक आउट किया गया. शाम ठीक 7:00 जैसे ही देश भर में सायरन बजा, पूरा देश एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन गया. कुछ ही क्षणों में गांवों, शहरों और कस्बों की बिजली गुल हो गई, और पूरे देश ने एकजुटता का संदेश दिया.
पटना में ब्लैकआउट के पहले पुलिस जवानों ने माइकिंग कर लोगों से मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट में अपनी भागीदारी निभाई जाने की अपील की. पटना सिटी के तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा सरकार के इस आयोजन में सबसे आगे रहा. यहां निर्धारित समय से पहले ही सभी लाइटें बंद कर दी गईं. सड़क से गुजरने वाली वाहनों को भी बंद करा दिया गया. सिख समुदाय के लोगों ने देश की एकजुट का संदेश देते हुए गुरुद्वारे के बाहर बड़ी संख्या में जमा होकर हिंदुस्तान जिंदाबाद का नारा बुलंद किया. यह आयोजन न सिर्फ भारत की आंतरिक एकता का प्रतीक बना बल्कि पड़ोसी देशो को भी एक सख्त संदेश दे गया कि भारत किसी भी आपात स्थिति से निपटने को लेकर पूरी तरह तैयार है.
वहीं, ब्लैकआउट खत्म होते ही एक स्थानीय युवक इमरान ने ट्रिपल लोडिंग पुलिस के जवानों का वीडियो बनाया। लेकिन पुलिस वाले युवक का मोबाइल छीने और चलते बने।

दरअसल, देशभर के 244 जिलों में युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया था। इसके तहत बिहार की राजधानी पटना समेत पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, बेगूसराय में यह अभ्यास किया गया।
पूर्णिया में 10 मिनट छाया रहा अंधेरा
पाक में आतंकियों के खिलाफ इंडियन एयरफोर्स ने एयरस्ट्राइक किया। जिस के बाद पाकिस्तान से जारी तनातनी के बीच पूर्णिया में बुधवार 7 मई को मॉक ड्रिल हुआ। पूर्णिया के आर एन साह चौक पर ठीक 6 बजकर 58 मिनट पर सायरन बजने लगी। सभी जगह से लाइटें बंद हो गईं। डीएम कुंदन कुमार, एसपी कार्तिकेय शर्मा, एसडीओ पार्थ गुप्ता पुलिस बल और वॉलंटियर्स तय समय से पहले आर एन साह पहुंच गए।
7 बजे पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। 10 मिनट तक ब्लैकआउट रहा। सभी ने घर, प्रतिष्ठान, मंदिर यहां तक की बाइक और मोबाइल तक की लाइट तक बंद कर दी। इस दौरान पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा। शहर के हृदयस्थली आर एन साह चौक पर आमदिनों से बिल्कुल अलग नजारा दिखाई दिया। ब्लैकआउट के दौरान गाड़ियों के पहिए रुके रहे।
खुद को इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनाने के लिए शहर के आर एन साह चौक पर सैकड़ों लोग जुट गए। भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते रहे। 10 मिनट बाद फिर से बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई। वहीं ब्लैकआउट के बाद लाइट आते ही आर एन साह पर जुटे लोग जोश और उत्साह से भर गए। भारत और भारतीय सेना के जयघोष के नारे लगाते लोगों का उमंग देखने लायक था।
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। पूर्णिया को कैटगरी-2 में रखा गया है। कैटगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। जिस वजह से पूर्णिया में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट हुआ।

अस्पताल और एंबुलेंस को ब्लैकआउट से छूट रही
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए डीएम कुंदन कुमार ने कहा, ‘ये मॉक ड्रिल भारत सरकार के सिविल डिफेंस गाइडलाइन के तहत की गई है। अभ्यास देश के 244 जिलों में किया गया हैं। जिसमें बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पटना और बेगूसराय जिलों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
मॉक ड्रिल को लेकर पूरी पूर्णिया जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इससे पहले फायर ब्रिगेड, पुलिस, थानों की गाड़ियां और अन्य आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लोगों को सूचित किया था। इमरजेंसी सेवाओं जैसे अस्पताल और एंबुलेंस को इस ब्लैकआउट से छूट रही।’

नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं
डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि यह केवल एक रिहर्सल है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि युद्ध छिड़ा नहीं है, यह सिर्फ एक रिहर्सल है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मॉक ड्रिल नागरिकों को जागरूक करने और सुरक्षा तंत्र की जांच के लिए की गई है। इस रिहर्सल में सिविल डिफेंस, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन विभाग, दमकल विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल शामिल रही।