बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बीते 20 सालों के कार्यकाल पर रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. इसमें बताया गया है कि वर्ष 2005 से पहले राज्य के अधिकांश क्षेत्र में क्या स्थिति थी और अब 20 वर्ष के बाद क्या स्थिति है. इसमें उन्होंने बिहार में बिजली की व्यवस्था से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर की बात उठाई है. इसके अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों के बारे में भी तुलनात्मक जानकारी साझा की है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है कि नवंबर 2005 को नई सरकार बनी थी तब से राज्य में कानून का भी राज है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ‘बिहार का नवनिर्माण: 20 साल विकास के, बदलते बिहार के’ नाम से यह रिपोर्ट कार्ड जारी की है. कहा जा रहा है कि बिहार एनडीए को पता है कि बिहार में विधानसभा चुनाव की लड़ाई आसान नहीं होने वाली है. इसलिए उन मुद्दों को जनता के बीच ले जाए जिन मुद्दों के सहारे विरोधियों को पटखनी दी जा सके.
जानकार बताते हैं कि पहलगाम की आतंकी घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है जिसके बाद केंद्र की सरकार कड़े फैसले लेकर पाकिस्तान पर कुछ बड़ा करने वाली है. इसके बाद राष्ट्रवाद और हिंदुत्व देश में उफान मार रहा है और एनडीए इस मुद्दे को भुनाना चाहेगा. वहीं, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने अचानक से जातिगत जनगणना कराने का ऐलान कर दिया जिसके बाद देश की सियासत में हैरानी और उत्सुकता दोनों बढ़ गई है कि आखिर इस वक्त जातिगत जनगणना कराने का एलान क्यों हुआ? लेकिन, केंद्र की इस घोषणा के बाद इंडिया गठबधन की बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि जाति का कार्ड बिहार में महागठबंधन सियासी खेल करने की तैयारी में था, जिसके मंसूबे पर पानी फिर सकता है. दरअसल, इस मुद्दे को एनडीए बड़े पैमाने पर भुनाने की कोशिश करेगी जो इंडिया गठबधन को झटका दे सकता है. लेकिन इन सबसे से अलग बिहार एनडीए ने एक और बड़ा एजेंडा सेट कर दिया है जिसे जनता के बीच जोर शोर से ले जाने की तैयारी है.
विधानसभा चुनाव से पहले बांटे जाएंगे बुकलेट
एनडीए को लगता है कि अगर जनता के बीच इसे अच्छे ढंग से ले जाया गया तो इसका बेहतर परिणाम चुनाव में एनडीए को मिलेगा और वो एजेंडा है, नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए की 20 साल के विकास के सफर का जिसका पूरा खाका तैयार कर जनता के बीच ले जाने की पूरी तैयारी हो गई है और वो एजेंडा क्या है ये भी जानिए.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में पिछले 20 साल में कितना और कैसा विकास किया है इसे लेकर बिहार का नवनिर्माण 20 साल के बदलते बिहार नाम के बुकलेट तैयार किया गया है. विधानसभा चुनाव के पहले इस बुकलेट को बड़े पैमाने पर इसे लोगों में बांटा जाएगा.
इन मुद्दों की तुलनात्मक स्थिति पर होगी राजनीति
बुकलेट में 24 नवंबर 2005 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार बनने से लेकर अभी तक की उपलब्धियों का पूरा बखान होगा. इस बुकलेट को पूरे तैयारी के साथ बनाया गया है जिसमें 2005 के पहले बिहार में अपराध, बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी हुई चीजों को दिखाया गया है. वहीं, 2005 के बाद कानून व्यवस्था में सुधार,सड़क पुल पुलिया,स्कूल, स्वास्थ्य सेवाओं में हुए बड़े परिवर्तन को भी दिखाया गया है. 2005 के पहले बिहार में होने वाले हिंदू मुस्लिम दंगे का भी जिक्र किया गया है. वहीं, 2005 के बाद बिहार में बने नए विश्वविद्यालय स्कूल और अन्य शिक्षा की सुविधाओं का भी जिक्र किया गया है.
एनडीए का फुल एजेंडा सेट, इतनी नौकरी का वादा
नीतीश सरकार में महिलाओं के लिए भी काफी काम किया है जिसे बुकलेट में खासा जगह दिया गया है और बताया गया है कि बिहार में महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को आरक्षण देने के बाद उनकी स्थिति क्या थी, इसका भी आंकड़ा बुकलेट में दिया गया है. वहीं, 2005 के बाद से 2020 तक बिहार में 8 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गईं, इसका भी जिक्र किया गया है. साथ ही 12 लाख सरकारी नौकरी और 38 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात भी कही गई है. जाहिर है एनडीए की हर मोर्चे पर तैयारी है जिसके सहारे एनडीए 2025 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सके.