जस्टिन ट्रूडो ने भारत से खूब दुश्मनी निभाई. अपनी सत्ता की लालच में उन्होंने क्या-क्या नहीं किया. कभी भारत पर मनगढ़ंत आरोप तो कभी खालिस्तानियों को सिर पर चढ़ाया. जस्टिन ट्रूडो की वजह से भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी आ गई. जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानियों के दम पर भारत से पंगा लिया. इसमें खालिस्तानियों के कथित आका जगमीत सिंह ने खूब मदद की. जगमीत सिंह के सपोर्ट पर ही जस्टिन ट्रूडो की सरकार थी. जगमीत सिंह ने सरकार को समर्थन के बदले अपने खालिस्तानी एजेंडो को पाला-पोसा. पर कनाडा की जनता की नजर से उसकी चालाकी नहीं बच पाई. कनाडा के आम चुनाव में खालिस्तानियों के यार का हिसाब हो गया.
जी हां, कनाडा की जनता ने जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी यार जगमीत सिंह को उसकी औकात दिखा दी है. भारत से पंगा लेने का हश्र अब पूरी दुनिया देख रही है. कनाडा में जगमीत सिंह को करारा झटका लगा है. कनाडा चुनाव में जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी यानी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की करारी हार हुई है. जगमीत सिंह तो अपनी सीट भी बचाने में नाकामयाब रहा. कनाडा में हुए चुनाव में एनडीपी का बुरा प्रदर्शन दिखा. नौबत यह आ गई कि एनडीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन गया. नेशनल स्टेटस के लिए 12 सीटों की जरूरत थी, मगर एनडीपी 12 सीटें भी नहीं जीत पाई.
कनाडा में जगमीत को डबल झटका
कनाडा में मिली बड़ी हार के बाद न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के चीफ जगमीत सिंह ने पार्टी नेतृत्व से अपना इस्तीफा दे दिया है. जगमीत सिंह ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. पिछले चुनाव में जगमीत सिंह की एनडीपी ने 24 सीटें जीती थीं. इस जीत के बाद जगमीद की एनडीपी ने जस्टिन ट्रुडो सरकार को समर्थन दिया था. इसके बाद जगमीत सिंह ने खालिस्तान समर्थक एजेंडे को खूब चालाया. अपनी सरकार बचाने के लिए जस्टिन ट्रूडो भी हां में हां करते रहे. हालांकि, बाद में जगमीत सिंह ने ट्रूडो से समर्थन वापस ले लिया था.
कार्नी बोले- ट्रम्प हमें तोड़ना चाहते हैं, पर हम ऐसा नहीं होने देंगे
चुनाव के रुझानों में जीत की संभावना के बाद कार्नी ने पार्टी नेताओं और समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं महीनों से चेतावनी देता आ रहा हूं, अमेरिका हमारी जमीन, हमारे संसाधन, हमारा पानी, हमारा देश चाहता है। राष्ट्रपति ट्रम्प हमें तोड़ना चाहते हैं ताकि वे हम पर कब्जा कर सकें। लेकिन, ऐसा कभी नहीं होगा, बिल्कुल भी नहीं होगा।
कार्नी ने आगे कहा कि जब मैं राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बैठकर बातचीत करूंगा, तो उसमें दोनों देशों के बीच भविष्य के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों पर चर्चा होगी। और ये बातचीत मैं इस पूरी जानकारी के साथ करूंगा कि हमारे पास अपने देश को समृद्ध और विकसित करने के लिए कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं।
जगमीत ने आग में घी डाला
भारत विरोधी ट्रुडो प्रशासन के मुहिम में जगमीत सिंह और उनकी पार्टी NDP ट्रुडो के साथ थी. जगमीत सिंह ने भारत के दुश्मन यानी खालिस्तानियों का खूब साथ दिया. अगर भारत और कनाडा के रिश्ते तल्ख हुए हैं तो कई वजहों में एक वजह खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह भी है. हालांकि, अब कनाडा की जनता ने अपना जनादेश दे दिया है. इस जनादेश के बाद एनडीपी चीफ जगमीत सिंह न घर का रहा और न घाट का. एक तो पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी चला गया. ऊपर से उसे पार्टी चीफ के पद से इस्तीफा भी देना पड़ गया.
कनाडा में अक्टूबर में होने थे चुनाव
वैसे तो कनाडा में आधिकारिक तौर पर अक्टूबर 2025 को चुनाव होने थे, लेकिन प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पिछले महीने यह कह कर नए चुनाव का ऐलान किया था कि उन्हें ट्रम्प से निपटने के लिए मजबूत जनादेश चाहिए।
2015 से कनाडा के प्रधानमंत्री रहे जस्टिन ट्रूडो ने इस साल की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद मार्क कार्नी को नया प्रधानमंत्री चुना गया था।
कनाडा में प्रधानमंत्री का कार्यकाल सामान्यतः 4 साल का और अधिकतम 5 साल का होता है, लेकिन बहुमत खो देने पर या फिर पीएम चाहे तो समय से पहले संसद भंग कर नए चुनाव का ऐलान कर सकते हैं। कार्नी ने ऐसा ही किया।
लिबरल पार्टी को 189 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था
मेनस्ट्रीट रिसर्च ने दावा किया था कि लिबरल पार्टी लगभग 189 सीटें जीत सकती है, उनके सरकार बनाने की संभावना 70% तक है। दूसरी तरफ कंजर्वेटिव पार्टी भी अपने पिछले प्रदर्शन से और ज्यादा बेहतर रिजल्ट हासिल कर सकती है। हालांकि क्यूबेक और NDP दोनों की सीटें कम हो सकती हैं।