ये क्या हुआ। गए थे सीएम फेस बनने, लेकिन मीटिंग से निकलते ही सुर बदल दिए। ऐसा क्या हुआ… ये तो राजद-कांग्रेस वाले ही जाने। लेकिन लगता है कुछ तो गड़बड़ है। अंदरखाने खबर है कि ओल्ड ग्रैंड पार्टी ने वीटो लगा दिया है। इसलिए तेजस्वी जी मीडिया के सवाल पर चिढ़ गए। बोले- फैसला बिहार में होगा…चिंता मत कीजिए। वैसे चिंता हम काहे करें, उसके लिए आपकी पार्टी है ही…।
बिहार में महागठबंधन के दो घटक दल कांग्रेस और आरजेडी आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े फैसले बाकी घटक दलों के साथ मिल बैठकर करेंगे. दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर खरगे और राहुल गांधी के साथ बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गठबंधन को लेकर शुरुआती चर्चा की. कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि बैठक में कांग्रेस और आरजेडी नेताओं में बात हुई कि चुनाव से जुड़े फैसलों में टाइमलाइन फिक्स होना चाहिए. कांग्रेस सूत्र ने बताया कि बैठक में चर्चा हुई कि टिकट बंटवारे से लेकर चुनावी कैंपेन और कोऑर्डिनेशन से जुड़े फैसले समयबद्ध तरीके से हों और टिकट बंटवारे से लेकर टिकट वितरण चुनाव प्रक्रिया के अंत तक न जाए.
करीब एक घंटे की बैठक के बाद RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘हम सभी ने बैठक की है और काफी सकारात्मक चर्चा हुई है… हम सभी 17 तारीख को पटना में अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठेंगे… हम पूरी तरह से तैयार हैं… इनके 20 साल के सरकार में बिहार गरीबी बढ़ गई, प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और सबसे ज्यादा पलायन होता है. हम मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं…’
CM फेस पर क्या बोले तेजस्वी?
वहीं सीएम के चेहरे पर जब तेजस्वी यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘बातचीत के बाद सारी चीज़ें सामने आ जाएंगी’. गौर करनेवाली बात है कि महागठबंधन में सीएम चेहरे के सवाल पर कांग्रेस के कई नेताओं ने हाल में बयान दिया है कि सीएम का चेहरा बाद में तय होगा. हाल ही में पटना के कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम के सवाल पर कहा था कि चुनाव बाद चेहरा तय होगा, जबकि आरजेडी की तरफ से बार बार दोहराया जा चुका है कि सीएम का चेहरा तेजस्वी यादव ही हैं. इस मसले पर अब तक कांग्रेस नेताओं के बयान आरजेडी और कांग्रेस के बीच मतभेद की तरफ साफ इशारा कर रहा है.
बैठक के बाद आरजेडी सूत्रों ने बताया कि आनेवाले विधानसभा चुनाव में न सिर्फ टिकट बंटवारे, बल्कि उम्मीदवारों के चयन में भी देखा जाएगा कि कौन पार्टी कहां किसे उम्मीदवार बना रहा है. ताकि महागठबंधन की तरफ से किसी क्षेत्र विशेष और जिला विशेष में उम्मीदवारों का सामाजिक संतुलन बना रहे.
कांग्रेस के खराब स्ट्राइक रेट ने बढ़ाई टेंशन
दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और पार्टी को सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी. यानी महागठबंधन के घटक दलों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सबसे खराब था. दरअसल आरजेडी का मानना रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब स्ट्राइक रेट और कई सीटों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों के गलत चयन के कारण ही महागठबंधन बहुमत से पीछे रह गई. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन साझा तौर पर होगा ताकि किसी एक सीट पर खराब उम्मीदवार चयन का नकारात्मक प्रभाव न सिर्फ उस सीट बल्कि आसपास की तमाम सीटों पर न पड़े.
इसी साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के अलावा जमीन पर राजनीतिक गतिविधियां भी तेज की है. हालांकि कांग्रेस ने साफ किया है कि वो आरजेडी के साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़ेगी, लेकिन सीएम के चेहरे के सवाल पर पार्टी नेताओं ने साफ किया है कि ये बाद में तय किया जाएगा. दरअसल सीएम के चेहरे से ज्यादा कांग्रेस और आरजेडी में सीटों की संख्या का बंटवारा, सीटों की पहचान और सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों का चयन चुनावी बातचीत में चुनौती के अहम मसले साबित होंगे.
दिल्ली में कांग्रेस और आरजेडी के वरिष्ठ नेतृत्व की बैठक के बाद अब महागठबंधन के सभी घटक दलों की बैठक पटना में 17 अप्रैल को होगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी.