औरंगजेब की कब्र को लेकर एक ऐसी अफवाह जिससे पूरा नागपुर हिंसा की आग में झुलस उठा. सोमवार रात भड़की हिंसा की तपिश आज भी यहां की गली-मोहल्लों में देखी जा रही है. सड़क पर लोगों से ज्यादा पुलिस का पहरा है. सोमवार की हिंसा से सहमे लोग अब भी संभल-संभलकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. नागपुर के महाल समेत 10 संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस फोर्स की तैनात की गई है. महाल इलाके में मौजूद RSS मुख्यालय के चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है.
नागपुर हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. पुलिस ने इस हिंसा के मामले में करीब 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अभी बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है.
नागपुर हिंसा मामले में अब तक के 10 ताजा अपडेट्स…
- नागपुर हिसा मामले की जांच अब ATS यानी ऐंटी टेररिस्ट स्क्वॉड भी कर रही है. महाराष्ट्र ATS ने इस मामले में अपनी अलग से जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह से पत्थरबाजी की गई और जिस तरीके से पत्थरों को एक गाड़ी में भरकर लाया गया, वो कश्मीर में होने वाली पत्थरबाजी की रणनीति से मेल खाता है. यही वजह है कि ATS इस एंगल से भी पड़ताल कर रही है. वहीं, इस मामले में NIA के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
- नागपुर पुलिस ने बताया कि करीब 50 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है. अभी तक 5 केज दर्ज हुए हैं. फुटेज और इंफार्मेशन के आधार पर जांच चल रही है. कोर्ट ने इस सभी को 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
- महाल इलाके में ही RSS का मुख्यालय है, उसकी भी सुरक्षा पुलिस ने बढ़ाई है. RSS मुख्यालय के चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है.
- इस बीच मध्य नागपुर के दंगा प्रभावित इलाकों में पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में दल ने मंगलवार रात ‘रूट मार्च’ किया. पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और ‘कुछ लोगों’ ने अचानक इसे कैसे भड़काया. उन्होंने सोमवार को हुई हिंसा का केंद्र रहे चिटनिस पार्क चौक से लेकर भालदारपुरा चौक, अग्रसेन चौक, सेवा सदन चौक और गीतांजलि टॉकीज चौक होते हुए हंसपुरी रोड तक रूट मार्च का नेतृत्व किया. हंसपुरी रोड में कल रात एक और झड़प हुई थी. तीन किलोमीटर के दायरे में फैले हुए इन सभी इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है.
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर जलाई गई, जिसपर धार्मिक चिह्न था. शाम को यह अफवाह फैली और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी.
- फडणवीस ने कहा कि हिंसा में 12 दोपहिया वाहन तोड़े गए और एक क्रेन, दो जेसीबी तथा कुछ चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी गई. घटनास्थल पर 80 से 100 लोग जमा हो गए थे. कुछ लोगों पर तलवार से हमला हुआ. उन्होंने कहा कि हालात तब और गंभीर हो गए, जब एक पुलिसकर्मी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा, पांच आम लोगों को भी चोटें आईं.
- शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने नागपुर हिंसा को लेकर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि नागपुर में जो भी हिंसा हुई है, वह बीजेपी की पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जो मणिपुर में भी लागू की गई थी. आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने मणिपुर में भी हिंसा फैलाकर माहौल खराब किया था और आज उस राज्य में निवेश नहीं आ रहा है. अगर मैं आज की बात करूं तो मणिपुर में कोई भी निवेश करने नहीं जाना चाहता.
- वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भाजपा औरंगजेब की कब्र को चुनावी मुद्दा बनाकर 2026 में होने वाले चुनाव जीतना चाहती है. अंबेडकर ने यह भी कहा कि औरंगजेब का मकबरा अगली अयोध्या है.
- नागपुर हिंसा पर लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोग गुंडे हैं, उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए. इन लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है…मेरा मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था और प्रगति पर इसका असर पड़ रहा है. इस पर अब विचार करने की जरूरत है.’
- वहीं बीजेपी के सोशल मीडिया चीफ अमित मालनीय ने कहा, ‘नागपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए समाजवादी पार्टी के अबू आज़मी, कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद, और मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग ज़िम्मेदार हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए एक क्रूर मुगल शासक का महिमामंडन करते हैं. तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले यही लोग देश के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.’
नागपुर हिंसा में कई घायल ऐसे हैं, जो घर के काम से बाहर निकले थे और अस्पताल पहुंच गए। इनके परिजन भी हैरान हैं कि ऐसा क्या हुआ कि ये लोग घायल हुए और अब जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। नागपुर के बड़े नवाज नगर का निवासी इरफान अंसानी भी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर है। इरफान के भाई ने बताया कि वह सोमवार की रात करीब 11 बजे घर से निकला था और उसे रात एक बजे नागपुर रेलवे स्टेशन से इटारसी के लिए ट्रेन पकड़नी थी।
परिजनों को अस्पताल से आया फोन
इरफान के परिवार को रात इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से फोन आया, जिसमें उन्हें इरफान के घायल होने और अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी गई। इरफान के सिर में गंभीर चोटें हैं और उसका पैर भी टूटा हुआ है। फिलहाल वह आईसीयू में भर्ती है। गौरतलब है कि सोमवार रात को नागपुर में हिंसा भड़क उठी, जब विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एक धर्म विशेष के पवित्र ग्रंथ को जलाए जाने की अफवाह उड़ी, जिससे हिंसा भड़क गई। नागपुर में सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे महाल इलाके में हिंसा भड़की, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया और वाहनों में आग लगाई गई।
पुलिस कर रही घटनाओं की जांच
एक ऐसा ही मामला 17 साल के रजा यूनुस खान का है। 12वीं पढ़ने वाला रजा यूनुस खान एक निजी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत गंभीर है। रजा यूनुस खान की मां ने बताया कि वह सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे दूध और दही लेने गया था। रात साढ़े 11 बजे उन्हें अस्पताल से फोन आया, जिसमें उसके घायल होने और वेंटिलेटर पर होने की जानकारी दी गई। परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।