दिल्ली विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार ने जहां इंडिया गठबंधन की सियासी जमीन हिला कर रख दी है, वहीं बीजेपी का उत्साह चरम पर पहुंच गया है. इसी बीच इंडिया गठबंधन के दो नेताओं के बयान ने सियासी हलचल तेज तो कर ही दी है. साथ ही उनकी बीजेपी को लेकर बढ़ी हुई बेचैनी भी दिखने लगी है और इसके सेंटर में कहीं न कहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिख रहे हैं. दरअसल, शिवसेना उद्धव गुट के नेता उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने दिल्ली चुनाव परिणाम का हवाला देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को चेताते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ साथ हमारी पार्टी यानी शिवसेना उद्धव गुट और कांग्रेस पार्टी के साथ जो हुआ है, वह भविष्य में आपकी पार्टी (जदयू और टीडीपी) के साथ भी हो सकता है. जिस तरह से बीजेपी ने चुनाव जीता है उसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. लेकिन, इन सबके बीच बीजेपी की मंशा से साफ है कि बीजेपी क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने के लिए सुनियोजित तरीके से अभियान चला रही है, जो क्षेत्रीय दलों के राजनीतिक भविष्य के लिए गंभीर खतरा है.
आदित्य ठाकरे के साथ साथ लालू प्रसाद यादव का एक बयान भी काफी चर्चा में है. जब लालू यादव से पूछा गया कि दिल्ली चुनाव के बाद बीजेपी बिहार में भी जीत का दावा कर रही है, तब लालू यादव ने कहा कि मेरे रहते बीजेपी कभी भी बिहार में सरकार नहीं बना सकती है. हालांकि, उन्होंने नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया है जिसे एक सियासी संदेश के तौर पर भी समझा जा सकता है.
एनडीए इत्मिनान पर ‘इंडिया’ बेचैन
राजनीति के जानकार कहते हैं कि दरअसल, इंडिया गठबंधन को आज इस बात का बड़ा मलाल है कि अगर आज नीतीश कुमार उनके साथ रहते तो शायद बीजेपी इस बार केंद्र में सरकार नहीं बना पाती. लेकिन, अब नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू पूरी मजबूती से बीजेपी के साथ खड़े हैं और बार-बार एनडीए के दोनों नेता बीजेपी के साथ खड़े रहने की बात भी दोहराते रहे हैं. एनडीए की एकजुटता और इंडिया गठबंधन की आपसी खींचातान की वजह से हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है. वहीं, अब उसकी नजर बिहार पर है जहां नीतीश कुमार पूरी मजबूती से बीजेपी के साथ खड़े हैं. फिलहाल एनडीए का पलड़ा भी भारी माना जा रहा है.
इंडिया अलायंस को झटके पर झटका, अब फिर खतरा!
इसको लेकर बिहार के जाने माने वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार कहते हैं कि आदित्य ठाकरे और लालू यादव के बयान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाने की कोशिश तो जरूर की है, लेकिन जो परिस्थितियां हैं वह कुछ अलग हैं जो इंडिया गठबंधन की टेंशन का कारण हैं. संजय कुमार इस परिस्थिति को विस्तार से समझाते हुए कहते हैं, इसकी अधिक संभावना है कि बिहार में भी नीतीश कुमार एनडीए के साथ खड़े रहेंगे. अगर ऐसा आगे भी रहा तो एनडीए, महागठबंधन को झटका दे सकता है और इंडिया गठबंधन झटके से टूट सकता है. क्योंकि, राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस के तेवर ने भी दिल्ली की तरह आरजेडी को परेशान कर रखा है तभी तो लालू यादव अपने समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए सिर्फ बीजेपी की हारने की बात कह रहे हैं और नीतीश कुमार की नहीं.
सियासत को समझना मुश्किल ही नहीं…नामुमकिन
संजय कुमार आगे कहते हैं, दरअसल लालू यादव ने पहले भी नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला रखने की बात कही थी जिसका नीतीश कुमार ने खंडन कर दिया था. लेकिन, राजनीति है इसमें कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता. संजय कुमार आगे कहते हैं कि लोकसभा में वक्फ बिल को लेकर जिस तरह से नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू की पार्टी एनडीए के साथ खड़े दिखे उससे साफ है कि दोनों नेता पूरी मजबूती से एनडीए के साथ है, इससे लालू यादव सहित इंडिया गठबंधन के मंसूबों पर पानी फिर गया लगता है. फिर भी, राजनीति है…कब नया मोड़ ले ले, यह कोई नहीं जानता.