कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में सियालदह कोर्ट आज दोषी संजय रॉय को सजा सुनाएगी। संजय को कम से कम उम्रकैद होगी या फिर फांसी की सजा हो सकती है। कोर्ट ने 162 दिन बाद 18 जनवरी को मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया था।
सजा के ऐलान से पहले 19 जनवरी को संजय की मां मालती ने कहा था- मेरी 3 बेटियां हैं, मैं उनका (पीड़ित के माता-पिता का) दर्द समझती हूं। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अगर कोर्ट कहती है कि उसे फांसी पर लटका दो, मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
संजय की बड़ी बहन ने भी सियालदह कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद 18 जनवरी को कहा था कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं देंगे।
फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा था-

मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया है। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती।
8-9 अगस्त की रात रेप के बाद हत्या हुई आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं।
फैसले से जुड़ी 3 बड़ी बातें
1. फैसले का आधार फोरेंसिक रिपोर्ट
अदालत ने फोरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जो बताती है कि संजय रॉय इस मामले में शामिल था। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर भी संजय का DNA मिला था। रॉय को भारत न्याय संहिता अधिनियम की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया गया है
2. अधिकतम सजा फांसी होगी
जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा फांसी दी जा सकती है। कम से कम सजा आजीवन कारावास होगी।
3. दोषी संजय को बोलने का मौका मिलेगा
जब दोषी संजय ने कहा कि उसे इस केस में फंसाया जा रहा है, तब जस्टिस अनिर्बान दास ने कहा कि सजा सुनाए जाने से पहले उसे बोलने का मौका मिलेगा।
हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच शुरू की थी 9 अगस्त की घटना के बाद आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और पीड़ित परिवार ने मामले की CBI जांच की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश नहीं दिए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अगस्त को जांच CBI को सौंपी गई। इसके बाद CBI ने नए सिरे जांच शुरू की।