पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ आज 20 अक्टूबर रविवार को है. इस साल करवा चौथ के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे है. सुबह में स्वर्ग की भद्रा है, लेकिन इसका व्रत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा. आज सूर्योदय पूर्व में सुहागन महिलाओं ने सरगी खाकर निर्जला व्रत रखा है. पूरे दिन अन्न, फल, और जल का त्याग करके निराहार उपवास होगा. आज शाम में करवा चौथ की पूजा के लिए केवल सवा घंटे का शुभ मुहूर्त है. उस समय में करवा माता, श्रीगणेश, भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाएगी. उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण होगा और व्रत को पूरा किया जाएगा. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं करवा चौथ की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, शुभ संयोग, पूजन सामग्री और चांद निकलने के समय के बारे में.
करवा चौथ 2024 मुहूर्त और शुभ संयोग
करवा चौथ व्रत के दिन बुधादित्य योग, गजकेसरी योग के साथ रोहिणी में चंद्रमा की उपस्थिति से ये 3 शुभ संयोग बने हैं. करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को रखते हैं.
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की प्रारंभ: आज, रविवार, सुबह 6:46 बजे से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि की समाप्ति: कल, सोमवार, तड़के 4:16 बजे
करवा चौथ पूजा का मुहूर्त: आज, शाम 5 बजकर 46 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त: 04:44 ए एम से 05:35 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:43 ए एम से 12:28 पी एम तक
करवा चौथ 2024 चांद निकलने का समय
आज करवा चौथ को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर चांद निकलेगा. यह समय देश की राजधानी नई दिल्ली का है. आपके शहर में चंद्रोदय का समय इससे कुछ पहले या बाद में हो सकता है.
करवा चौथ 2024 पूजा सामग्री
करवा माता, गणेश जी, भगवान शिव और कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर, मिट्टी का करवा, एक ढक्कन, एक थाली, माता के लिए चुनरी, गणेश जी, शिव जी और कार्तिकेय जी के लिए नए वस्त्र, करवा चौथ व्रत कथा और आरती की एक पुस्तक, चांद देखने के लिए एक छलनी, लकड़ी की चौकी, सोलह श्रृंगार की समाग्री, एक कलश, दीपक, रूई की बाती, अक्षत्, हल्दी, चंदन, फूल, पान का पत्ता, कच्चा दूध, दही, कपूर, अगरबत्ती, गेहूं, लहुआ, 8 पूड़ियों की अठावरी, मौली या रक्षासूत्र, मिठाई, एक लोटा या गिलास, दक्षिणा, शक्कर का बूरा, शहद, गाय का घी, रोली, कुमकुम आदि.
करवा चौथ 2024 पूजा मंत्र
गणेश पूजन मंत्र: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
शिव पूजन मंत्र: ओम नम: शिवाय
कार्तिकेय जी का मंत्र: ॐ षडमुखाय विद्महे मयूर वाहनाय धीमहि तन्नो कार्तिक प्रचोदयात.
देवी पार्वती पूजन मंत्र: देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परम् सुखम्। सन्तान देहि धनं देहि सर्वकामांश्च देहि मे।।
चंद्रमा को अर्घ्य देने का मंत्र
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
करवा चौथ पूजा विधि 2024
1. करवा चौथ की पूजा से पूर्व व्रती को 16 श्रृंगार करके तैयार होना चाहिए. फिर पीली मिट्टी से पूजा स्थान पर करवा माता यानी गौरी, गणेश, शिवजी, कार्तिकेय जी की मूर्ति बनाएं. एक चंद्रमा भी बनाएं. उनको लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें.
2. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. उसके बाद माता पार्वती, शिव जी और कार्तिकेय जी की पूजा करें. अक्षत्, हल्दी, दूर्वा, सिंदूर, मोदक, धूप, दीप, फूल, नैवेद्य आदि गणेश जी को अर्पित करके पूजा करें.
3. इसके बात माता गौरी को लाल फूल, अक्षत्, सिंदूर, सोलह श्रृंगार सामग्री, लाल चुनरी, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. उनका पूड़ियों की अठावरी, करवा आदि से भी पूजन करें.
4. अब आप शिव जी को अक्षत्, बेलपत्र, चंदन, धूप, दीप, फूल, फल, शहद आदि अर्पित करें. भगवान कार्तिकेय की भी पूजा अक्षत्, फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य से करें. उसके बाद
करवा चौथ व्रत कथा सुनें. गणेश जी, माता पार्वती समेत शिव परिवार की आरती करें.
5. पूजा के बाद अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन, पति की लंबी आयु के लिए माता पार्वती और शिव जी से प्रार्थना करें. फिर सासु मां के पैर छूकर आशीर्वाद लें. प्रसाद और सुहाग सामग्री उनको भेंट करें.
चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि
शाम को चांद निकलने पर चंद्रमा की पूजा करें. छलनी से चांद को देखते हुए अर्घ्य दें. अर्घ्य के लिए एक लोटे में सफेद फूल, कच्चा दूध, अक्षत्, चीनी, सफेद चंदन आदि डालकर अर्घ्य दें. इस दौरान मंत्र भी पढ़ें. फिर पति के हाथ से जल ग्रहण करके और कुछ मिठा खाकर पारण करें.