इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने बेरूत के दक्षिणी उपनगर में सिलसिलेवार हमलों में हिज़्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह को मार गिराया है. इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उसने लेबनान की राजधानी में हिज़्बुल्लाह के अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर को टारगेट किया था.
आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “हसन नसरल्लाह आतंकवाद फैलाने के लिए अब इस दुनिया में जिंदा नहीं है.” दि गार्जियन की रिपोर्ट में इजरायली सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इजराइली सुरक्षा कैबिनेट ने पहले नसरल्लाह को मारने का प्लान छोड़ दिया था, लेकिन जब यह पता चला कि कमांड कॉम्प्लेक्स में होने वाली एक बैठक में वो आने वाला है तो मारने की योजना को मंजूरी दे दी.
किस ऑपरेशन के तहत मारा गया नसरल्लाह?
आईडीएफ के पास इंटेलिजेंस इनपुट था कि नसरल्लाह कमांड कॉम्प्लेक्स में मौजदू है. इजरायली मीडिया की रिपोट्स में कहा गया है कि इस ऑपरेशन का नाम न्यू ऑर्डर रखा गया था और इसे अंजाम देने के लिए बंकर-बस्टिंग बमों से लैस F15I जेट विमानों के एक स्क्वाड्रन से दिया गया. इस हमले में नसरल्लाह के साथ-साथ उसकी बेटी भी मारी गई.
यह खबर सबसे पहले सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादव शोशानी ने एक्स पर एक संक्षिप्त पोस्ट में दी थी, जिसमें कहा गया था: “हसन नसरल्लाह मर चुका है.” इसके तुरंत बाद जारी एक बयान में, आईडीएफ ने कहा कि नसरल्लाह, हिजबुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे के कमांडर अली कार्की और बैठक में भाग लेने वाले अन्य कमांडरों के साथ मारा गया है.
बयान में कहा गया है, “आईडीएफ और इजरायली सुरक्षा प्रतिष्ठान से सटीक खुफिया जानकारी मिलने के बाद, आईएएफ (इजरायली वायु सेना) के लड़ाकू विमानों ने हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन के केंद्रीय मुख्यालय पर टारगेटेड हमला किया, जो बेरूत के दहिह इलाके में एक आवासीय इमारत के नीचे अंडरग्राउंड था.”
नरसल्लाह के मारे जाने का क्या होगा असर?
इजरायल ने पहले ही हिजबुल्लाह के नेतृत्व ढांचे को तहस-नहस कर दिया है. नसरल्लाह के चले जाने से ये मुद्दा और भी जटिल हो गया, क्योंकि इस ग्रुप को कई प्रमुख कमांडरों की हत्या और हाल ही में पेजर ब्लास्ट हमलों के बाद अपनी आंतरिक सुरक्षा के बारे में सवालों का सामना करना पड़ रहा है, जिसने पूरे लेबनान में समूह को हिलाकर रख दिया है.
हालांकि, नसरल्लाह के मारे जाने पर हिजबुल्लाह के पूरी तरह से खत्म होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन उनके हटाए जाने से निस्संदेह समूह का मनोबल गिरेगा और यह इजरायल के सैन्य प्रभुत्व का एक शक्तिशाली प्रतीक बन जाएगा.
दूसरी तरफ, नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई को सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया है।
BBC के मुताबिक, इजराइल और हिजबुल्लाह में 11 दिन से जारी टकराव के बीच हजारों लेबनानी बेघर हो गए हैं। UN एजेंसी ने लेबनान में लोगों को शरण देने के लिए 500 शेल्टर बनाए हैं। बमबारी के बीच साउथ लेबनान में बेघर हुए हजारों लोग सड़कों, कारों और पार्क में सो रहे हैं।
ईरान में विदेश मंत्रालय के अधिकारी आयतुल्लाह मोहम्मद अखतारी ने कहा है कि ईरान आने वाले कुछ दिनों में लेबनान और सीरिया में सैनिकों की तैनाती की तैयारी में है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया है।
अखतारी ने कहा, “वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही गोलन हाइट्स में सैनिकों को तैनात करने की इजाजत दे देंगे। हम लेबनान में इजराइल से लड़ाई के लिए 1981 की तरह ही सेना भी भेज सकते हैं।”
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा, “सभी मुस्लिमों को इस वक्त लेबनान और हिजबुल्लाह के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्हें साथ आकर दुष्ट इजराइल से लड़ाई लड़नी होगी। इस क्षेत्र का भविष्य अब इस बात पर टिका है कि हम कितनी ताकत से इजराइल को रोक सकते हैं। हिजबुल्लाह इस अभियान में हमारा नेतृत्व कर रहा है।”
इजराइली सेना ने बताया कि नसरल्लाह को मारने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था उसे ‘न्यू ऑर्डर’ नाम दिया गया था। बेरूत पर हमले के दौरान इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और IDF के चीफ ऑफ स्टाफ कमांड सेंटर से ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, नसरल्लाह की मौत की खबर के बाद ईरान में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है।
नसरल्लाह 1992 से ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह का चीफ था। जब उसे यह जिम्मेदारी मिली तब वह महज 32 साल का था। नसरल्लाह संगठन के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक था। इजराइल ने 2 महीने के भीतर हिजबुल्लाह की पूरी लीडरशिप को खत्म कर दिया है।
इजराइल ने 30 जुलाई को लेबनान पर एक एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह के दूसरे सबसे सीनियर लीडर फुआद शुकर को मार गिराया था। इसके ठीक अगले दिन 31 जुलाई को ईरान पर हमला कर हमास चीफ इस्माइल हानियेह को भी मार दिया था।
अब हिजबुल्लाह की लीडरशिप में कोई सीनियर नेता नहीं बचा है। वहीं हमास की लीडरशिप में सिर्फ याह्या सिनवार जीवित है, जो गाजा में मौजूद है।