जमीन सर्वे को लेकर लोगों में मची अफरातफरी के बीच राज्य सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। जमीन बंटवारे संबधित और अद्यतन कागजातों को लेकर अंचल कार्यालयों की दौड़ लगा रहे परेशान लोगों (रैयतों) के लिए यह राहत की खबर है। राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लोगों की संतुष्टि तक सरकार सर्वे जारी रखेगी।
जब तक लोग अपने सभी तरह के कागजात उपलब्ध नहीं कराएंगे, सर्वे जारी रहेगा। पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जमीन संबंधी कागजातों को सर्वे कार्यालयों में ऑनलाइन/ऑफलाइन जमा करने की कोई कट ऑफ डेट तय नहीं है। आगे भी तय नहीं होगी। सर्वे प्रदेश में जमीन विवाद खत्म करने के लिए किया जा रहा है। जमीन विवाद बढ़ाने के लिए नहीं। राज्य के लोग यह समझें, परेशान नहीं हों।
दरअसल जमीन संबंधी पेचीदगियों के कारण पूरे राज्य में अभी कई तरह की फैली भ्रांतियों के कारण गांवों में तनाव है। जमीन सर्वे के हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। पहले चरण में 20 जिलों के 89 अंचलों के 4927 मौजों/गांवों में भूमि सर्वेक्षण का काम 4 साल से चल रहा है। अब राज्य के कुल 45749 मौजों में से 38211 मौजों में सर्वे शुरू हुआ है। सिर्फ शहरी, असर्वेक्षित, टोपोलैंड या विवादित 2611 मौजों में ही सर्वे बाद में होना है।
इन समस्याओं से जूझ रहे राज्य के रैयत
1. डिजिटाइजेशन और ऑनलाइन करने के दौरान नाम, खाता, खेसरा, रकबा तथा लगान से संबंधित गलती अब तक पूरी तरह सुधरी नहीं है। राज्य में कुल 4.18 करोड़ जमाबंदी है। इनमें 9.65 लाख जमाबंदी ऑनलाइन नहीं हो पाईं थीं जिन्हें ठीक करने में भी कई तरह की अनियमितताएं की गईं हैं।
2. जिन 89 अंचलों के 4927 मौजों/गांवों में सर्वे पहले से हो रहा है उनमें विभाग द्वारा कई बार कहा गया कि म्यूटेशन और लगान रसीद लोगों से नहीं मांगें। पर लगान रसीद अपडेट करने के लिए अंचलों में मारामारी है।
3. राज्य की सभी 4.18 करोड़ जमाबंदियों को स्वैच्छिक आधार पर मोबाइल एवं आधार संख्या से जोड़ने वाला अभियान भी अब तक गति नहीं पकड़ पाया है।
4. अंचल, अनुमंडल डीसीएलआर समेत जिला रिकॉर्ड रूम में पड़े 100 साल पुराने सभी तरह के 18 करोड़ रेवेन्यू रिकॉर्ड हैं जिसमें अभी आधे की भी स्कैनिंग नहीं हो सकी है। निजी एजेंसी को सभी तरह के रेवेन्यू रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग का काम सौंपा गया है, जो चल रहा है।
5. 100 साल के पहले के खतियान (जमीन के मूल कागजात) होने से जमीन के मामले पेचीदा हैं। अपनी-अपनी जमीन के दस्तावेज चेक करने के लिए जिला स्तरीय कार्यालयों में खतियान की प्रति निकालने की होड़ मची हुई है।
तब सीएम ने कहा था-सर्वे जुलाई 2025 तक पूरा करें
बीते 3 जुलाई को जमीन सर्वे के लिए कांट्रैक्ट पर बहाल 9888 लोगों के नियोजन पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा था… मैं हाथ जोड़ता हूं। कहिए तो पैर भी छू लूं, किंतु जमीन सर्वे का काम जुलाई 2025 के पहले जरूर पूरा किया जाए। यह काम विधानसभा चुनाव के पहले हर हाल में हो। जमीन किसकी है, यह तय नहीं है। हत्याएं होती हैं। हमने इन्हीं सब के खात्मे के लिए 2011 से सर्वे का काम शुरू कराया, ताकि तय हो जाए कि जमीन किसकी है। यह काम अब तक हो जाना चाहिए था।