कोलकाता रेप-मर्डर केस में CBI आज दूसरी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। 9 सितंबर को सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने पहली रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें कई खुलासे किए गए थे।
रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि केस से जुड़े कुछ दस्तावेज गायब हैं। इस पर कोर्ट ने कहा था- यह मामला गड़बड़ लगता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को मिसिंग डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।
CBI की पहली स्टेटस रिपोर्ट की 3 बड़ी बातें…
- राज्य सरकार ने जांच एजेंसी को घटना वाले दिन का सिर्फ 27 मिनट का CCTV वीडियो शेयर किया। राज्य सरकार ने कहा था- वीडियो के कुछ हिस्से दिए गए हैं। कुछ तकनीकी गड़बड़ आई थी।
- ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी जब मिली थी तो वह अर्धनग्न थी। सरकार ने बंगाल में CFSL में जांच कराई। जबकि CBI ने सैंपल को AIIMS और बाहर की फोरेंसिक लैब में भेजने का फैसला लिया है।
- एक रहस्य यह भी है कि 9 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे से रात 11:30 बजे के बीच जनरल डायरी में केवल 10 एंट्री हैं। क्या यह खुद लिखी गई हैं। डायरी में चार एंट्री ऐसी हैं, जो संदेह में डालती है।
CBI जांच में अब तक क्या-क्या हुआ…
14 सितंबर: आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल को CBI ने अरेस्ट किया कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले में 14 सितंबर को सीबीआई ने आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक थाने के एसएचओ अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
अभिजीत मंडल ताला पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) के पद पर तैनात हैं। दोनों को 17 सितंबर तक CBI की कस्टडी में भेज दिया गया।
आरजी कर मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन गिरफ्तार किया था।
5 सितंबर: जांच में खुलासा- घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया 5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया था कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था।
सूत्रों के मुताबिक, CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं।
PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया।
जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।
CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े खुलासे…
- संदीप घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया। हालांकि अस्पताल में इंटरव्यू लेने वालों का कोई पैनल नहीं था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल मार्क्स जारी किए जाते थे। घोष पर कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्त नहीं करने का भी आरोप है।
- संदीप घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड था। वह तब से बिप्लव और सुमन को जानता था। घोष अपने सिक्योरिटी गार्ड, बिप्लव और सुमन के साथ भ्रष्टाचार का नेटवर्क चलाता था।
- घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के बाद बिप्लव और सुमन को कोलकाता बुला लिया। उसने दोनों वेंडर्स को अस्पताल के कई टेंडर दिलवाए। घोष का गार्ड अस्पताल के बायोमेडिकल कचरे को बेचने के लिए भी वेंडर्स से कॉन्ट्रैक्ट करता था।
- बिप्लब मां तारा ट्रेडर्स, बाबा लोकनाथ, तियाशा एंटरप्राइजेज समेत कई कंपनियां चलाता था। वह इन सभी कंपनियों के नाम पर अस्पताल में टेंडर्स के लिए अप्लाई करता था। ताकि टेंडर के लिए मार्केट में कॉम्पिटिशन दिखे। इसी में किसी एक कंपनी को टेंडर मिलता था।
- CBI को बिप्लब की कंपनियों को टेंडर दिए जाने के तरीके में भी कई खामियां मिली हैं। CBI ने कहा कि वर्क ऑर्डर के लेटर कॉलेज के कई अधिकारियों को लिखे जाते थे, लेकिन उन्हें ये लेटर कभी सौंपे ही नहीं गए। इसका मतलब टेंडर प्रोसेस में अन्य अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया।
- एजेंसी के मुताबिक, घोष के गार्ड की पत्नी नरगिस की कंपनी ईशान कैफे को अस्पताल में कैंटीन का ठेका मिला। संदीप घोष ने गार्ड की पत्नी की कंपनी को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी।