शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागे एक महीने से ज्यादा वक्त हो गया है लेकिन अब भी बांग्लादेश की पूर्व पीएम की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. बांग्लादेश में इस वक्त मोहम्मद यूनुस की लीडरशिप वाली अंतरिम सरकार है लेकिन ऐसा लग रहा है कि पड़ोसी देश में इस वक्त पीएम तो यूनुस हैं लेकिन ड्राइविंग सीट पर कोई और ही बैठा है. ऐसा दावा हम नहीं कर रहे है लेकिन जिस तरह की चीजें वहां हो रही है उसे देखकर ऐसा ही लग रहा है. बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईसीटी) के नए चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम देश मे एक अलग ही लाइन पकड़े हुए हैं. उनका कहना है कि हसीना की गिरफ्तारी के लिए वो आईसीटी में आवेदन देंगे. ताकि उन्हें भारत से लाया जा सके.
बात दें कि शेख हसीना पांच अगस्त 2024 को बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के उग्र होने के बाद भागकर भारत आ गई थी. इसके बाद से ही वो यहीं हैं. ताजुल इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेश शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए आईसीटी के सामने आवेदन दायर करेगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक ढाका में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ताजुल इस्लाम ने कहा, “जब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अपना कामकाज फिर से शुरू करेगा तो हम शेख हसीना सहित सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए आवेदन दायर करेंगे. आरोपी (हसीना) के खिलाफ सबूत देश से एकत्र किए जाने होंगे और उनकी जांच करना होगा और जो चुनौतीपूर्ण और बड़ा काम है.”
1000 से ज्यादा हत्याओं का केस
ऐसा माना जाता है कि बांग्लादेश में 15 जुलाई से 5 अगस्त के बीच छात्रों आंदोलन के दौरान कम से कम 1,000 लोगों की जाने गई. इन सभी मौतों के लिए शेख हसीना को जिम्मेदार माना जाता है, जिसकी जांच कराने की बात कही जा रही है. भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधी है. बांग्लादेश के चीफ प्रॉसिक्यूटर इसी आधार पर यह दबाव बना रहे हैं कि भारत शेख हसीना को वापस बांग्लादेश को सौंप दे.
यूनुस भारत को बता चुके दोस्त
मोहम्मद यूनुस अब तक भारत के खिलाफ कुछ भी सीधे तौर पर बोलने से बचते रहे हैं. वो पहले की तर्ज पर भारत को बांग्लादेश का एक अच्छा दोस्त बता चुके हैं. वहीं, दूसरी और उनकी सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भी बीते दिनों कहा था कि हसीना को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ एक समझौता और कानूनी प्रक्रियाएं हैं. इसपर अटकलें लगाना बेहतर नहीं होगा.