एकीकृत ऋण इंटरफेस (ULI) एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने विकसित किया है. इस प्लैटफॉर्म का उद्देश्य भारत में लोन देने की प्रक्रिया को आसान और ज्यादा पारदर्शी बनाना है. ULI यानी एकीकृत ऋण इंटरफेस को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि इन क्षेत्रों में ऋण प्राप्त करना आसान हो सके.
ULI भारत में ऋण देने की व्यवस्था में सुधार लाने के प्रयास का हिस्सा है, जो देश की आर्थिक वृद्धि को समर्थन देगा. यह भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है
ANI से इस प्लैटफॉर्म के बारे में बात करते हुए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि “जैसे UPI ने भुगतान के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी, वैसे ही ULI भी लोन लेने के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव लाने वाला है.”
शक्तिकांत ने ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज इवेंट में अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कि “JAM-UPI-ULI की नई त्रिमूर्ति” पूरे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बदलने वाली साबित होगी. RBI ने इस ULI प्लेटफॉर्म को पहले ही 2023 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च कर दिया था.
ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि आखिर ये एकीकृत ऋण इंटरफेस है क्या और इससे 10 मिनट के अंदर कैसे मिलेगा कर्ज…
एकीकृत ऋण इंटरफेस (ULI) क्या है?
आज के दौर में डिजिटलीकरण हमारी जिंदगी का अहम पहलू बन गया है, और सरकार भी इस नई तकनीक का उपयोग करके अपनी सुविधाओं को डिजिटल तरीके से उपलब्ध करा रही है. केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण कागजी कामकाज को डिजिटल कर दिया है. ULI रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एक पहल है जो छोटे और ग्रामीण उधारकर्ताओं को आसानी से ऋण देने के लिए डिजाइन किया गया है.
ULI के अंतर्गत उधारकर्ताओं की वित्तीय और गैर-वित्तीय जानकारी का एक डिजिटल डेटाबेस होगा. इसके अलावा, यह कर्जदाताओं की ज़मीन के रिकॉर्ड को भी लेंडर्स के लिए उपलब्ध कराएगा.
इसमें एक एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) होगा, जो ‘प्लग एंड प्ले’ टेक्निक के साथ होगा. यह टेक्नीक डेटा तक पहुंच को आसान बनाएगी और तकनीकी एकीकरण की जटिलता को कम करेगी.
ULI के लाभार्थी कौन होंगे?
ULI का मुख्य ध्यान किसानों, ग्रामीण जनसंख्या और MSMEs की जरूरतों को पूरा करने पर होगा. इससे इन क्षेत्रों को वित्तीय समर्थन मिलेगा. RBI गवर्नर ने इवेंट में कहा, “यूएलआई को आसान भाषा में कहें तो ये ग्राहकों के वित्तीय और गैर-वित्तीय डेटा को डिजिटाइज करके, जो अब तक विभिन्न स्थानों पर बंटा हुआ था, बड़े अनुपात में कर्ज की मांग को पूरा करने की कोशिश करेगा, खासकर कृषि और MSME उधारकर्ताओं के लिए,”
साथ ही, यह प्लेटफॉर्म छोटे और ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए ऋण प्राप्त करने का समय भी कम करेगा, क्योंकि इस प्रक्रिया के तहत डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में जो समय लगता है वो कम हो जाएगा.
ULI का लॉन्च RBI द्वारा देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की कई पहलों में से एक है. गवर्नर द्वारा पहले ही लॉन्च किए गए अन्य उत्पादों में भारत बिलपे (BBPS) और UPI सर्कल शामिल हैं.
ULI के प्रमुख बिंदु
सुगम ऋण प्रक्रिया: ULI ऋण देने की प्रक्रिया को डिजिटल और स्वचालित बनाता है, जिससे कागजी कामकाज कम हो जाएंगे और कर्ज मिलने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी.
पारदर्शिता: ULI के माध्यम से ऋण लेने और देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी.
सुलभता: इस विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे व्यवसायों के लिए ऋण प्राप्त करना आसान होगा, जो अब तक जटिल प्रक्रियाओं और कागजी काम के कारण मुश्किल था.
डिजिटल क्रांति: जैसे UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने भुगतान के क्षेत्र में क्रांति लाई, ULI भी ऋण के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद है.
एकीकृत ऋण इंटरफेस से 10 मिनट में कर्ज कैसे मिलेगा
ULI के अंतर्गत उधारकर्ताओं की वित्तीय और गैर-वित्तीय जानकारी एक डिजिटल डेटाबेस में जमा होगी. इससे लेंडर्स को उधारकर्ताओं की जानकारी जल्दी और आसानी से मिल जाएगी. इसके अलावा एकीकृत ऋण इंटरफेस एक केंद्रीयकृत प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिससे लेंडर्स को उधारकर्ताओं की जानकारी और ज़मीन के रिकॉर्ड तक सीधे पहुंच मिलती है. इससे डेटा की जांच और ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया तेज होती है.
ULI में ‘प्लग एंड प्ले’ विधि के साथ API शामिल है, जो डेटा एक्सेस को आसान और सीधा बनाएगा. इससे तकनीकी एकीकरण की जटिलता कम हो जाती है और लेंडर्स को जल्दी से डेटा मिल जाता है. ULI के माध्यम से कागजी दस्तावेज़ की प्रक्रिया को बाईपास किया जा सकता है. यह डिजिटल डेटा की मदद से ऋण की स्वीकृति को त्वरित बनाता है. ULI प्रणाली के भीतर स्वचालित प्रक्रिया होती है जो ऋण आवेदन की जांच, मूल्यांकन, और स्वीकृति को तेजी से पूरा करती है.
क्या है JAM और UPI, जिसकी ULI से की जा रही है तुलना
क्या है JAM
JAM यानी जन धन आधार मोबाइल भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और डिजिटल सेवाओं की पहुंच को आसान बनाना है. इस योजना का उद्देशय भारत के सभी नागरिकों को बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करना. इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय लेनदेन को आसान और पारदर्शी बनाना है.
इसमें तीन प्रमुख तत्व शामिल हैं
जन धन: जन धन योजना 2014 में शुरू की गई थी. जिसका उद्देश्य हर भारतीय नागरिक को एक बुनियादी बैंक खाता प्रदान करना है, खासकर उन लोगों को जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित थे. इस योजना के तहत मुफ्त बैंक खातों, डेबिट कार्ड, और ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान की जाती है. इससे वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित होती है और कागजी कामकाज को कम किया जाता है.
आधार: आधार को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर कहते हैं जो भारत के सभी नागरिकों को उनके बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा के आधार पर मिलता है. यह पहचान प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और विभिन्न सरकारी सेवाओं और योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है. आधार से हर नागरिक की पहचान सटीक और सुरक्षित होती है.
मोबाइल: मोबाइल फोन के माध्यम से वित्तीय सेवाओं की पहुंच को आसान बनाना. इसके अंतर्गत मोबाइल बैंकिंग, यूएसएसडी (USSD) सेवाएं, और अन्य मोबाइल आधारित वित्तीय सेवाएं शामिल हैं. मोबाइल के माध्यम से लोग आसानी से अपने बैंक खाते का प्रबंधन कर सकते हैं, पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, और विभिन्न वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं.
क्या है यूपीआई
UPI एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके सीधे बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देती है. यह एक आसान और त्वरित तरीका है, जिसमें कई बैंक खातों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ा जा सकता है.