सात समंदर पार फ्रांस के संसदीय चुनाव की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. यहां जीत की दहलीज पर खड़ी एक एंटी मुस्लिम पार्टी को रोकने के लिए ऐन मौके पर विरोधी दलों ने गठबंधन बना लिया और फिर क्या था. एक झटके में पूरा खेल बिगड़ गया. ठीक कुछ ऐसा जैसा हमने लोकसभा चुनाव में अपने यूपी में देखा था. यूपी में बड़ी जीत हासिल करने की दहलीज पर खड़ी बताई जा रही देश की दक्षिणपंथी पार्टी भाजपा को रोकने के लिए चुनाव से ऐन पहले अखिलेश यादव और राहुल गांधी की पार्टियों के बीच गठबंधन हुआ था. फिर जब नतीजे आए तो सभी चुनावी पंडितों के अनुमान धरे के धरे रह गए.
किसी को भी अनुमान नहीं था कि यूपी में भाजपा को शिकस्त मिलेगी. लेकिन, ऐसा हुआ और सपा राज्य की 37 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बन गई. कांग्रेस को भी छह सीटें मिलीं. बीते 2019 में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा 33 सीटों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बन गई.
यूपी जैसे नतीजे
फ्रांस के संसदीय चुनाव के नतीजे काफी हद तक यूपी जैसे रहे. दरअसल, एक दिन पहले सोमवार को फ्रांस के चुनावी नतीजे आए थे. इसमें जीत की प्रबल दावेदार बताई जा रही धुर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली 143 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर आ गई. जबकि केवल एक सप्ताह पहले उस पार्टी के 300 से अधिक सीटें जीतने का अनुमान जताया जा रहा था.
दरअलस, हुआ यह कि 30 जून (रविवार) को पहले चरण का चुनाव हुआ था. उस चुनाव में नेशनल रैली बड़ी जीत हासिल करने की ओर बढ़ रही थी. ऐसे में उसकी बढ़त देख उसके सभी विरोधी दल भयभीत हो गए. इसमें राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पार्टी और वामपंथी दल थे. पहले चरण के चुनाव के बाद वामपंथी दल अपने सारे मतभेद भूलकर एक नया एंटी-नेशनल रैली गठबंधन बना लिया. फिर मैक्रों के समर्थक और वामपंथी भी अपने मतभेद भूला दिए. वे एकजुट होकर मैदान में उतरे. दूसरी तरफ दक्षिणपंथी दल के उभार को रोकने के लिए बड़ी संख्या में लिबरल मतदाता वोट देने पहुंचे. फिर क्या था एक सप्ताह के भीतर पूरा खेल बिगड़ गया. नेशनल रैली के खिलाफ वोटर्स एकजुट हो गए.
इस तरह नेशनल रैली के खिलाफ वोटों का बंटवारा नहीं हुआ और वह पार्टी चुनाव जीतते-जीतते हार गई. हालांकि इतना सब होने के बावजूद नेशनल रैली सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर उभरी है. बतौर गठबंधन वह तीसरे नंबर पर है.
एंटी मुस्लिम पार्टी नेशनल रैली को रोकने के लिए वामपंथी और मध्यमार्गी पार्टियों ने न्यू पॉपुलर फ्रंट (NFP) बनाय था. इस NFP को सबसे ज्यादा 182 सीटों मिली हैं. दूसरे नंबर पर मैक्रों का गठबंधन एनसेंबल अलायंस है जिसे 168 सीटें मिली हैं. तीसरे नंबर पर नेशनल रैली आ गई और उसे केवल 143 सीटें मिली हैं. फ्रांस की नेशनल एसेंबली में 577 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए किसी गठबंधन या पार्टी के पास कम से कम 289 सीटें चाहिए. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि एनएफपी और एनसेंबल अलांयस मिलकर सरकार बना लेंगी.