बिहार में पिछले एक सप्ताह से झमाझम बारिश हो रही है। इसके साथ ही नेपाल में भी भारी बारिश हो रही है। इससे गंडक, कोसी समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। सुपौल, बगहा और बेतिया में बाढ़ जैसे हालात हैं।
सुपौल में 5 प्रखंड के 27 पंचायतों में बसी करीब 5 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। वहीं बेतिया के योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के जलरपुर खुटवनिया और सिसवा-मंगलपुर पंचायत के 450 से ज्यादा परिवार बाढ़ के पानी में फंस गए। बगहा में नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद हालात खराब हैं, सीएम ने इन इलाकों का हवाई सर्वे किया।
इधर, रविवार को रोहतास जिले के कैमूर में भारी बारिश हुई। बारिश के बाद महादेव खोह में वाटरफॉल का रौद्र रूप दिखा। मंदिर के पास फूल दुकान और प्रसाद दुकानों को हटा दिया गया।
पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार के अलग-अलग जिलों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बिहार के 17 जिलों में आज बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली की भी चेतावनी दी है।
बिहार में बाढ़ की स्थिति, 24 घंटे के लिए अलर्ट
नेपाल में मानसून की भारी बारिश ने उत्तर बिहार के जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। गंडक बराज से पानी छोड़ने के बाद नदी में भारी उफान है। बिहार में बाढ़ के आशंका के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंडक नदी के जल स्तर का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिलों में नदियों के बढ़ते जलस्तर का भी हवाई सर्वेक्षण किया है।
नेपाल में भारी बारिश और बाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किये जाने के बाद गोपालगंज में नदी उफान पर है. यहां रामनगर का प्लस-टू विद्यालय, मध्य विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र बाढ़ के पानी से घिर चुका है. बाढ़ से बिगड़े हालात का आज थोड़ी देर में सीएम नीतीश कुमार हवाई सर्वे कर जायजा लेंगे. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने सीएम के हवाई सर्वे की जानकारी देते हुए बताया कि गोपालगंज के सत्तर घाट के बाद सीएम बेतिया और बाल्मीकिनगर जाएंगे.
वहीं, दूसरी तरफ आबादी वाले गांव की ओर गंडक नदी का पानी फैलने से निचला इलाका जलमग्न हो गया. रात होते ही सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, मंदिर-मस्जिद सब डूबने लगे. ऐहतियातन सोमवार को इलाके के प्रभावित सभी सरकारी स्कूलों का बंद करनी पड़ी है. सोमवार की सुबह तक गंडक नदी में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी पहुंच गया. ऐसे में नदी के जलस्तर में और वृद्धि होने लगी है. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ गंडक नदी के तटबंधों का निरीक्षण किया.
सुरक्षित स्थान पर जाने लगे लोग
रात में भी डीएम ने समेमपुर समेत अन्य तटबंधों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई निर्देश दिये. सारण तटबंध के अलावा पतहरा छरकी, रिंग बांध, सत्तर घाट बांध समेत कई जगहों पर नदी का दबाव बना हुआ है. वहीं, नदी का पानी बढ़ने से सदर प्रखंड के मेहंदिया, जगिरी टोला, कमल चौधरी के टोला, रामनगर आदि गांव जलमग्न हो गये. जगिरी टोला में मिडिल स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, प्लस-टू स्कूल रामनगर में भी पानी प्रवेश कर गया. इलाके के लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए माल-मवेशियों के साथ निकलने लगे हैं.
वहीं, प्रशासन की ओर से इस इलाके में पीड़ितों के लिए कोई मदद नहीं पहुंची है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सुबह में गंडक नदी का जलस्तर चार लाख 40 हजार क्यूसेक पार कर रहा, लेकिन शाम के पांच बजे यह जलस्तर घटकर तीन लाख 88 हजार तक पहुंच जाएगा. अधिकारियों ने मंगलवार के बाद से जलस्तर में कमी होने की उम्मीद जतायी है.
सारण मुख्य तटबंध, जमींदारी बांध पर पानी का दबाव
बैकुंठपुर प्रखंड में सारण मुख्य तटबंध एवं जमींदारी बांध पर गंडक नदी के पानी का दबाव रविवार से शुरू हो गया है. मुंजा डी स्पर एवं मटियारी ई स्पर पर पानी का दबाव बना हुआ है. सलेमपुर टर्निंग पॉइंट पर भी गंडक नदी की धारा तटबंध के किनारे से टकरा रही है. जल संसाधन विभाग के अभियंता दवा वाले जगह पर कैंप कर रहे हैं. अंचल पदाधिकारी गौतम कुमार सिंह गंडक नदी के तटवर्ती इलाके में बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपील कर रहे थे. बैकुंठपुर के डुमरियाघाट से लेकर आशा खैरा तक माइक से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ताकि लोग जलस्तर बढ़ने से पहले सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
वहीं पंचायत स्तर पर सामुदायिक रसोई शुरू करने की तैयारी भी चल रही है. इसके लिए स्थल का चयन कर लिया गया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि गंडक नदी की धारा उग्र रूप ले चुकी है. गंडक नदी की बढ़ती धारा से डुमरियाघाट स्थित नारायणी रिवर फ्रंट की सीढ़ियां डूब रही है. लोगों को माल मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपील किया जा रहा है ताकि जलस्तर बढ़ने के दौरान किसी तरह की अफरा तफरी उत्पन्न नहीं हो सके. बीडीओ ने बताया कि गंडक नदी के द्वारा क्षेत्र में नाव की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. आवश्यकता के अनुसार एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई जाएगी.