बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ठंडा-ठंडा कूल-कूल की राह पर ढल गए हैं। उत्तेजना से खुद को दूर रखते तेजस्वी ने अपने निराले प्रचार अंदाज के जरिए जनता के सामने एक नया तेजस्वी के स्वरूप को रखने में कामयाब हुए। गजब का संतुलन रख रहे हैं। भद्दी से भद्दी बात कही गई हो या फिर निजी हमले में भी तेजस्वी उखड़े नहीं और गजब का संतुलन बना कर बहुत ही सहज रह कर जवाब भी दिया। निरर्थक बयान को तो अपनी जुबान पर चढ़ने ही नहीं दिया।
हल्के-फुल्के अंदाज का लिया सहारा
कटिहार की जनसभा में राजद पर हमला कर चुके नीतीश कुमार ने लालू यादव के निजी जिंदगी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि इतना बच्चा कोई पैदा करता है। सीएम के इस बयान को तेजस्वी ने अपने दिल पर नहीं लिया। बदले में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर दिल खोल कर सम्मान की बारिश कर कहा कि सीएम मेरे परिवार के लिए जो भी कहते हैं, वह उनके लिए आशीर्वाद होगा। मैं चाचा के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं। 2020 के चुनाव में भी यही कहा था। मैं केवल प्रार्थना कर सकता हूं कि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे और वह खुशी से रहें। यह हमारी संस्कृति में नहीं है कि हम किसी ऐसे व्यक्ति को कुछ कहें, जो हमारे लिए पितातुल्य हो।
किताब लिखूंगा… यह कह चौंकाया
तेजस्वी यादव ने यह कह कर चौंकाया कि नीतीश कुमार ने जितने निजी हमले किए हैं, उन सब पर एक किताब लिखूंगा। इस किताब के जरिए नीतीश कुमार के चलाए हर तीर का जवाब दिया जायेगा। संभव है इस किताब के मूल में महागठबंधन की सरकार और नीतीश कुमार का जिक्र होगा। संभव तो यह भी है कि पुस्तक 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी के तथ्यों के साथ आए। ऐसा इसलिए भी कि बकौल तेजस्वी ‘समय आने पर इस किताब के जरिए एक-एक चीज बताऊंगा। अभी लोकसभा चुनाव चल रहा है और इन सब बातों पर बात करने से बिहार और देश के लोगों को कोई फायदा नहीं है। लेकिन इस पुस्तक में एक-एक बात लिखूंगा। लिखूंगा कैसे 4-5 लोगों ने हमारे चाचा नीतीश कुमार को हाईजैक कर लिया है इन सभी चीजों को समझाऊंगा।
अमित शाह को भी दी सलाह
गृह मंत्री अमित शाह ने जब लालू-राबड़ी की सरकार पर जंगल राज, परिवारवाद और भ्रष्टाचार को ले कर हमले किए तब तेजस्वी ने भी अमित शाह को कूल-कूल जवाब दिया और कहा कि अमित शाह बिहार आएं तो सत्तू जरुर पिएं। सत्तू पीने से शरीर ठंडा और दिमाग शांत रहता है। वह बिहार के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। गर्म दिमाग से चुनाव प्रचार पर असर पड़ता है।