लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में पहले चरण की वोटिंग हो गई है. इस बीच बिहार की कई सीटें राजनेताओं और चुनावी समीकरण के लिहाज से अहम बनती जा रही हैं. ऐसी ही एक सीट समस्तीपुर है जो कि इस वक्त बिहार की सबसे चर्चित सीटों में से एक हो गई है. दरअसल इस सीट पर तमाम सियासी दलों की निगाहें टिकी हैं और वजह भी ऐसा, जिसे सुन आप भी थोड़े हैरान हो जाएंगे. दरअसल बिहार की इस सीट से नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के दो वरिष्ठ दलित नेताओं के पुत्र और पुत्री चुनावी मैदान में हैं.
खास बात ये है कि इस सीट से एक मंत्री की बेटी जहां एनडीए की प्रत्याशी हैं तो वही दूसरे मंत्री का बेटा महागठबंधन के टिकट पर चुनावी मैदान में है. समस्तीपुर सीट जो आरक्षित है वहां से चिराग पासवान ने एनडीए समर्थित लोजपा (रा) की तरफ से नीतीश कुमार के बेहद खास और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और महावीर मंदिर न्यास के किशोर कुणाल की बहू शांभवी चौधरी को उतारा है. वो समस्तीपुर सीट से नामांकन भी कर चुकी हैं. उन्हें जीत दिलाने के लिए एनडीए के नेता लगातार मेहनत भी कर रहे हैं और कुछ दिनों में नीतीश कुमार भी प्रचार करने आने वाले हैं.
इंडिया गठबंधन की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा अभी तक तो नहीं हुई है लेकिन समस्तीपुर सीट पर कांग्रेस की तरफ से नीतीश मंत्रिमंडल में सूचना जनसंपर्क मंत्री और वरिष्ठ दलित नेता महेश्वर हज़ारी के पुत्र सन्नी हजारी के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस का दामन थामा है. सन्नी हजारी समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के प्रमुख भी हैं. जाहिर है दोनों उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से जदयू में हलचल काफी तेज है. चर्चा है कि अगर महेश्वर हज़ारी के पुत्र मैदान में हैं तो जदयू में होने और नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने पर महेश्वर हजारी क्या करेंगे.
महेश्वर हजारी से इस मामले पर पूछने पर उन्होंने कहा मैं जदयू के साथ हूं और फिलहाल मधेपुरा का प्रभारी हूं और वहां के प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए लगातार मेहनत कर रहा हूं. महेश्वर हजारी से ये सवाल भी किया गया कि अगर पार्टी आपको समस्तीपुर चुनाव प्रचार के लिए कहेगी तो क्या करेंगे, इस पर उन्होंने कहा मैंने तो कहा कि की मुझे मधेपुरा की जिम्मेदारी दी गई है, मैं वहीं काम करूंगा. रही बात मेरे बेटे की तो मेरा बेटा इंजीनियर है और प्रखंड प्रमुख है और अपनी राजनीति अपने दम पर करता है. उसके साथ हजारी सरनेम लगा हुआ है जिसने समस्तीपुर की काफी सेवा की है.