बिहार के कटिहार में दूसरे चरण के लोक सभा चुनाव को लेकर राजनितिक गलियारे में चुनावी सरगर्मी तेज हो गईं है और बड़े नेताओं का कटिहार दौर भी शुरु है. इसी क्रम में मंत्री अशोक चौधरी भी कटिहार लोक सभा क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी जेडीयू के दुलाल चन्द्र गोस्वामी के पक्ष में रोड शो करने पहुंचें. इस दौरान उन्होंने ‘MY’ समीकरण को लेकर आरजेडी पर निशाना भी साधा.
कटिहार में मंत्री अशोक चौधरी ने एनडीए प्रत्याशी दुलाल चन्द्र गोस्वामी के पक्ष में रोड शो किया. इस दौरान केबिनेट मंत्री अशोक चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ” ‘MY’ समीकरण वाली आरजेडी पार्टी में सिर्फ ‘Y’ को स्थान मिलता है, ‘M’ गायब है. इसलिए अहमद अशफाक करीम ने आरजेडी से इस्तीफा दिया.”
पूर्व विधायक विश्वनाथ सिंह से लिया आशीर्वाद
निषादों के वरीय नेता रहे जेडीयू के पूर्व विधायक विश्वनाथ सिंह से आशीर्वाद लेने के बाद अशोक चौधरी ने कहा कि पिताजी के साथ इन्होंने काम किया है और हमारे अभिवाहक की तरह हैं. हम इनकी क्षत्र छाया में आए हैं और इनका आशीर्वाद हमें प्राप्त हुआ है. कुछ लोग बहुत तरह की बात करते हैं, लेकीन हमारे नेता नीतीश जी ने पिछड़े अति पिछड़े के लिए काफी काम किया है.
‘अशफाक करीम के आने से सीमांचल में पार्टी मजबूत होगी’
पूर्व राज्य सभा सांसद अहमद असफाक करीम के राजद से इस्तीफा देने पर अशोक चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ‘माय’ की बात करते हैं, लेकिन जितनी सीट पर टिकट बांटा गया है उसमें सिर्फ वाय है एम गायब है. गाडी में दो चक्का है और एक चक्का में हवा नहीं होगी तो गाड़ी टेढ़ा ही न होगा. अहमद अशफाक करीम के जेडीयू में आने पर अशोक चौधरी ने कहा कि हम उनका स्वागत करते हैं, उनके आने से पूरे सीमांचल क्षेत्र में पार्टी मजबूत होगी.
आरजेडी के चुनावी घोषणा पत्र पर कसा तंज
आरजेडी के चुनावी घोषणा पत्र में हर वर्ष एक करोड़ नौकरी एवं लाख रुपया प्रति वर्ष महिलाओं को देने की बात पर कहा कि ” देखिए सुप्रीम कोर्ट ने और सिविल सोसाइटी ने कहा है की कोई भी पार्टी हवा हवाई बात ना करे, जो संभव ना हो, कोई कहे चांद तोड़कर ला देंगे सूर्य जमीन पर ला देंगे. जो बात तेजस्वी यादव कह रहें है उसके लिए पैसे कहां से लायेंगे.
उन्होंने कहा कि उनके पिताजी के पिछले 17 वर्षो के कार्यकाल का बिहार में मात्र 24 हजार करोड़ का बजट था. अपने खुलवाया चरवाहा विद्यालय, लाठी में तेल पिलवाया, सरकार पोषित अपराधों हुए. उन्होंने कभी कलम और शिक्षा की बात नहीं कही और यादवों से मुसलमानों की संख्या ज्यादा है, लेकीन उनको हिस्सेदारी कहां देते हैं.