लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती है. पेट्रोल-डीजल पर वर्तमान में केंद्र सरकार करीब 20 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है. इसके अलावा राज्यों का टैक्स 15 रुपए प्रति लीटर के आसपास है.
कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार पिछली बार की तरह ही पेट्रोल-डीजल पर 5 रुपए तक एक्साइज ड्यूटी घटा सकती है. शेयर मार्केट में भी इसको लेकर अटकलों का दौर जारी है.
केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में यूपी समेत 5 राज्यों के चुनाव से पहले पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर का वैट कम कर दिया था. इसी तरह का फैसला गुजरात और हिमाचल चुनाव से पहले भी लिया गया था.
मई 2022 में केंद्र ने पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर वैट की कटौती की थी. इन कटौतियों का फायदा भारतीय जनता पार्टी को चुनावों में भी मिला.
यही वजह है कि लोकसभा से पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की चर्चाएं शुरू हो गई है.
अभी पेट्रोल-डीजल के दामों का स्ट्रक्चर क्या है?
24 फरवरी को राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपए जबकि डीजल की कीमत 89.62 रुपए है. भारत के मेट्रोसिटी में दिल्ली ही एकमात्र शहर है, जहां पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से कम है.
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से ज्यादा है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 96 रुपए प्रति लीटर के आसपास है.
रिपोर्ट के मुताबिक डीलर से प्रति लीटर पेट्रोल 57 रुपए में खरीदा जाता है, जिस पर करीब 4 रुपए का कमीशन पेट्रोल पंप मालिक द्वारा लगाया जाता है. केंद्र 20 रुपए प्रति लीटर और राज्य 15.60 प्रति लीटर वैट लगाता है.
पेट्रोल-डीजल के कीमत तय करने के इस फॉर्मूले को (डीलरों से ली जाने वाली फ़्यूल कीमत + एक्साइज ड्यूटी + एवरेज डीलर कमीशन) कहा जाता है.
राज्यों के टैक्स के आधार पर ही हर राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमत अलग-अलग होती है.
पेट्रोल-डीजल से सरकार को कितनी कमाई होती है?
2023 में केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि पेट्रोल-डीजल के बिकने से सरकार को लाखों करोड़ों की कमाई होती है.
टेली के मुताबिक 2019-20 में पेट्रोल डीजल से सरकार को 5.55 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई. 2020-21 में यह आंकड़ा 6.72 लाख करोड़ रुपए का था. 2021-22 में यह कमाई बढ़कर 7.74 लाख करोड़ के पास पहुंच गई.
2022 में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक पेट्रोलियम पदार्थ से सरकार को 5.45 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई. हालांकि, कमाई का यह आंकड़ा राज्य और केंद्र दोनों के हैं.
सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थ पर कब-कब घटाए टैक्स?
मोदी सरकार ने पहली बार नवंबर 2021 में पेट्रोलियम पदार्थों पर से टैक्स कम करने का फैसला किया. उस वक्त केंद्र ने पेट्रोल पर से 5 रुपए और डीजल पर से 10 रुपए प्रति लीटर टैक्स कम क
इस फैसले के 3 महीने बाद उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए. इन चुनावों में बीजेपी को फायदा मिला.
केंद्र ने दूसरी बार मई 2022 में पेट्रोल-डीजल पर से टैक्स घटाने का निर्णय लिया. इस बार केंद्र ने पेट्रोल पर से 8 रुपए और डीजल पर से 6 रुपए प्रति लीटर का टैक्स कम किया.
केंद्र के इस फैसले के बाद गुजरात और हिमाचल में विधानसभा के चुनाव हुए. केंद्र सरकार के अलावा कई राज्यों की सरकार भी पेट्रोल-डीजल के वैट में कटौती कर चुकी है. इनमें महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य प्रमुख हैं.
पेट्रोल-डीजल के दामों का चुनावी कनेक्शन
पेट्रोल और डीजल के दाम भारत के चुनावों में बड़ा मुद्दा रहा है. सर्वे एजेंसी CSDS के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 प्रतिशत लोगों ने पेट्रोल के बढ़ते दाम को बड़ा मुद्दा बताया था. इस चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ.
सीएसडीएस के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 4 प्रतिशत लोगों ने इसे बड़ा मुद्दा बताया था.
2021 में जब पेट्रोलियम पदार्थ के दाम आसमान छूने लगे तो विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया. चुनावी खतरे को देखते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार ने नवंबर 2021 में पेट्रोलियम पदार्थों के टैक्स में कटौती की.
केंद्र ने पेट्रोल पर से 5 रुपए और डीजल पर से 10 रुपए की टैक्स कटौती की. भारतीय जनता पार्टी को इसका फायदा मिला और यूपी, उत्तराखंड, गोवा में पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब हुई.
इस चुनाव के 2 महीने बाद केंद्र ने फिर से पेट्रोल-डीजल के दामों पर से टैक्स घटाया. इस बार पेट्रोल पर से 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर से 6 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी कम की गई.
हालिया राजस्थान चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पेट्रोल-डीजल के दामों को बड़ा मुद्दा बनाया था. भरतपुर की रैली में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में डीजल-पेट्रोल के दामों में कटौती करने का ऐलान किया था.
राजस्थान में बीजेपी ने इसको लेकर कैंपेन भी चलाया. पार्टी को इसका फायदा भी मिला और कड़े मुकाबले में 200 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की.