आरा के एमपी/एमएलए अदालत द्वारा हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सीपीआई (एमएल) विधायक मनोज मंजिल (Manoj Manzil) को बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इसकी अधिसूचना बिहार विधानसभा सचिवालय के द्वारा शुक्रवार को जारी की गई है.
भोजपुर के अगिआंव से भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। विधानसभा ने इस संबंध में शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उन पर ये एक्शन आरा कोर्ट से उम्र कैद की सजा मिलने के बाद ली गई है। नंद किशोर यादव के अध्यक्ष बनने के बाद उनका ये पहला फैसला है।
दरअसल, 13 फरवरी को आरा के एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने विधायक मनोज मंजिल समेत 23 आरोपितों को मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में मनोज मंजिल समेत सभी दोषियों को उम्रकैद के साथ-साथ 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
माले बोली- सामंती ताकतों के खिलाफ लड़ने की सजा मिल रही
इधर, मनोज मंजिल के सजा पर विधानसभा में माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा था कि वे इस फैसले की निंदा करते हैं। मनोज मंजिल ने आरा में सामंती ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इसी का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ये फैसला आनन-फानन में सुनाया गाय है। सरकार को पहले इस केस की जांच करवानी चाहिए। मंजिल को गलत केस में सजा हुई है।
पहली बार विधायक बने थे मनोज मंजिल
विधानसभा चुनाव-2020 में आरा की अगिआंव विधानसभा सीट से मनोज मंजिल पहली बार विधायक बने थे। उनका कार्यकाल तीन साल से भी कम रहा। महबूब आलम कहते हैं कि विधायक बनने से पहले वे सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आरा में एक्टिव थे। किसान आंदोलन से लेकर शिक्षा पर उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी है। इसी के आधार पर पार्टी की तरफ से उन्हें अगिआंव का कैंडिडेट बनाया गया था और वे जीतने में भी सफल रहे।
अब जानिए मर्डर केस की पूरी कहानी
ये मामला अगस्त 2015 में भोजपुर के बड़गांव में जय प्रकाश सिंह की हत्या का था। भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव में माले नेता सतीश यादव की हत्या हो गई थी। इस हत्या के एक हफ्ते बाद चौरी थाना क्षेत्र के बेरथ पुल के समीप नहर किनारे से एक शव बरामद किया गया था।
एक हफ्ते बाद आरा सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम हुआ था। पोस्टमार्टम के बाद जयप्रकाश सिंह के बेटे चंदन ने शव की शिनाख्त अपने पिता के रूप में की थी। इस मामले में जयप्रकाश सिंह के बेटे के बयान पर 24 नामजदों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसमें मनोज मंजिल का नाम भी शामिल था।