‘काम नहीं होने दिया जा रहा था, वहां भी लोगों को तकलीफ थी यहां भी लोगों को तकलीफ थी इसीलिए हमने इस्तीफे का फैसला लिया।’ नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से इस्तीफे के तुरंत बाद चुप्पी तोड़ी। उन्होंने बताया कि क्या परिस्थितियां थी जिसके चलते उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर होना पड़ा। नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी के लोगों की राय को सुना। अब हमने इस्तीफा दे दिया। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त किया।
इस्तीफे को लेकर नीतीश ने तोड़ी चुप्पी
इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि अभी हम जो पहले गठबंधन को छोड़कर आए थे तो जिस तरह से लोगों की ओर से दावा किया जा रहा था, वो अच्छा नहीं लग रहा था। आज महागठबंधन से अलग हो गए। हम जितना गठबंधन में काम कर रहे थे लेकिन उधर सब बोल रहे थे। हमने बोलना छोड़ दिया। हमारी पार्टी की राय के बाद हमने इस्तीफे का फैसला लिया। अब नए गठबंधन में जा रहे हैं। वहां भी लोगों को तकलीफ थी यहां भी लोगों को तकलीफ थी इसीलिए ये फैसला लिया गया। नीतीश ने कहा कि कुछ महीनों से आरजेडी के साथ भी कुछ ठीक नहीं चल रहा था, लेकिन हम इस पर कुछ बोल नहीं रहे थे। हालात को देखते हुए हमने बोलना भी छोड़ दिया था।
राज्यपाल से मुलाकात में सौंपा इस्तीफा
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया। कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 11 बजे राजभवन पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। दूसरी ओर बीजेपी विधायक भी राजभवन पहुंच रहे। वो बहुमत की लिस्ट सौंपेगे और नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ नीतीश कुमार फिर सीएम बनेंगे। नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद राजभवन से निकल गए।
पीएम मोदी से फोन पर बात के बाद नीतीश का इस्तीफा!
नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया। उधर कुछ ही देर में बीजेपी विधायक समर्थन की चिट्ठी लेकर राजभवन पहुंचेंगे। इसके बाद एनडीए सरकार के गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। जानकारी के मुताबिक, शाम चार बजे नीतीश कुमार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सूचना ये भी है कि पीएम मोदी से फोन पर बात के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफे का फैसला लिया।