बिहार में इंडी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू पहले ही 16 सीटों पर दावा कर चुकी है। लेकिन सीटों शेयरिंग को लेकर क्या फॉर्मूला तय होगा ये अबतक साफ नहीं हो पाया है। इनसब के बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कहा है कि सीटों का बंटवारा तो होगा ही। लेकिन इस मसले पर पत्रकारों से क्यों बात करें?
ये सब इंटरनल है। इसके साथ ही जब उनसे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के न्योता को लेकर सवाल किया गया तो वो टाल गए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के बिहार दौरे पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं आ जा सकता है।
हमने नौकरी देने का जो वादा किया उसे पूरा कर रहे
तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम लोगों ने जो वादा किया था। उस वादा को पूरा कर रहे हैं। लोग कहते थे कि नियोजित शिक्षकों का कुछ नहीं हो सकता। पहले भी हम लोगों ने 1 लाख से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की और कल फिर महागठबंधन की सरकार अपना वादा पूरा करने में लगी है।
नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया गया है। बिहार पहला राज्य है जो इतनी नौकरी दे रहा है। किसी को दिखे, नहीं दिखे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

जेडीयू लगातार 16 सीटों पर कर रही दावा
बता दें जेडीयू सोशल मीडिया के जरिए ही नहीं बल्कि बयान देकर भी 16-17 सीटों के लिए इंडिया गठबंधन के अंदर दबाव बनाए हुए है। सीपीआई तीन सीटों की मांग कर रही है और माले पांच सीटों की। लेकिन लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव सहित आरजेडी के तमाम नेता सीटों की दावेदारी के आंकड़ा सामने नहीं रख रही।
इसे आरजेडी के संयम, जेडीयू का दबाव को इंडी गठबंधन के अंदर की तनातनी के तौर पर देखा जा रहा है। दो दिन पहले माले के नेताओं ने तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद कहा था कि जेडीयू नेता गैरजरूरी बयानों से भ्रम की स्थिति बना रहे हैं। जेडीयू के नेताओं को ऐसे वक्तव्यों से परहेज करना चाहिए जिससे इंडिया गठबंधन कमजोर होती हो। हम चाहते हैं कि राज्य में इंडिया गठबंधन की अविलंब बैठक हो। सामूहिक और पार्टी टू पार्टी बैठक के जरिए सीट शेयरिंग के मसले को जल्द हल कर लिया जाना चाहिए।