राजस्थान में बहुचर्चित श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े हत्या के मामले में पुलिस ने आखिर बड़ी सफलता हासिल कर ली। पुलिस ने राजपूत समाज के 72 घंटे के अल्टीमेटम के अनुसार दोनों शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौर को चंडीगढ़ से दबोच लिया गया। इस मिशन की कामयाबी में राजस्थान के सिंघम नाम से मशहूर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। दोनों शूटर शराब के ठेके पर बने कमरे में छिपे थे। लेकिन पुलिस इन्हें तलाश करती हुई इन तक पहुंच गई और 5-5 लाख रुपए के इनामी दोनों शूटर को दबोच लिया।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को राजस्थान पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन में यह कामयाबी मिली है। तीनों आरोपियों को दिल्ली क्राइम ब्रांच के ऑफिस लाया गया, जहां से पुलिस इन्हें लेकर जयपुर निकल गई है। इससे पहले शनिवार को जयपुर पुलिस ने शूटर्स की मदद करने वाले रामवीर को गिरफ्तार किया था। ये शूटर नितिन फौजी का दोस्त है।
रोहित ने ली थी गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी
शनिवार रात गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से एक रोहित राठौड़ (रोहित गोदारा) गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई की गैंग का गुर्गा है। उसने गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
गोदारा 2022 में फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर देश से बाहर भाग गया था। गोदारा विदेश जाने से पहले बीकानेर के लूणकरणसर में कपूरियासर में रहता था। चूरू के सरदारशहर में 2019 में भींवराज सारण की हत्या के मामले में भी मुख्य आरोपी था। गैंगस्टर राजू ठेहट के मर्डर की भी गोदारा ने जिम्मेदारी ली थी।

करणी सेना के अध्यक्ष को घर में घुसकर गोलियां मारी थीं
5 दिसंबर को दिनदहाड़े 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।
‘राजस्थान के सिंघम’ की एंट्री से 72 घंटे में दबोचा दोनों शूटरों को
गोगामेड़ी हत्याकांड ने राजस्थान में बवाल मचा दिया था। इसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे के लिए राजस्थान के सिंघम ADG दिनेश एमएन को इस मिशन की जिम्मेदारी सौंपी। ADG दिनेश अपराधियों को उनके बिलों से ढूंढ कर निकालने के लिए मशहूर है। इस दौरान राजपूत समाज ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन इस पर खरे भी उतरे। उन्होंने अपने सिंघम नाम को सार्थक करते हुए दोनों आरोपियों को चंडीगढ़ से दबोचने में सहायता की। ADG दिनेश ने कहा कि इस हत्याकांड में लॉरेंस गैंग के गुर्गे शामिल होने और दूसरे प्रदेशों में मूवमेंट होने के कारण SIT का गठन किया गया था। दूसरे राज्यों के अधिकारियों से संपर्क कर बदमाशों की जानकारी साझा की गई। और इसके बाद बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया।
‘राजस्थान के सिंघम’ की एंट्री से 72 घंटे में दबोचा दोनों शूटरों को
गोगामेड़ी हत्याकांड ने राजस्थान में बवाल मचा दिया था। इसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे के लिए राजस्थान के सिंघम ADG दिनेश एमएन को इस मिशन की जिम्मेदारी सौंपी। ADG दिनेश अपराधियों को उनके बिलों से ढूंढ कर निकालने के लिए मशहूर है। इस दौरान राजपूत समाज ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन इस पर खरे भी उतरे। उन्होंने अपने सिंघम नाम को सार्थक करते हुए दोनों आरोपियों को चंडीगढ़ से दबोचने में सहायता की। ADG दिनेश ने कहा कि इस हत्याकांड में लॉरेंस गैंग के गुर्गे शामिल होने और दूसरे प्रदेशों में मूवमेंट होने के कारण SIT का गठन किया गया था। दूसरे राज्यों के अधिकारियों से संपर्क कर बदमाशों की जानकारी साझा की गई। और इसके बाद बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया।
5 नवंबर को दोपहर में हुआ था गोगामेड़ी पर हमला
पुलिस के अनुसार, श्याम नगर जनपथ पर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का घर है। मंगलवार दोपहर करीब 1:03 बजे उनके घर 3 बदमाश पहुंचे। पहले तो वे सोफा पर बैठकर गोगामेड़ी से बात करने लगे। करीब 10 मिनट बाद ही दो बदमाश उठे और फायरिंग कर दी।
फायरिंग के दौरान गोगामेड़ी के गार्ड ने बचाने की कोशिश की। बदमाशों ने उस पर भी फायरिंग की। जाते-जाते एक बदमाश ने गोगामेड़ी के सिर में भी गोली मारी। बदमाशों की ओर से की गई फायरिंग में नवीन को गोली लग गई और उसकी भी मौत हो गई।
फायरिंग के बाद दो बदमाश भागते हुए एक गली से निकले और एक कार को रोककर लूटने का प्रयास किया। उसने ड्राइवर को पिस्तौल दिखाई तो ड्राइवर कार को भगा ले गया। इस दौरान पीछे से आ रहे स्कूटी सवार को बदमाशों ने निशाना बनाया। स्कूटी सवार को गोली मारकर घायल कर दिया और स्कूटी लेकर फरार हो गया। सूचना पर श्याम नगर पुलिस मौके पर पहुंची।
नवीन घर में लेकर घुसा था बदमाशों को
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ के अनुसार, गोलीबारी के दौरान मरने वाला नवीन मुलताई शाहपुरा का रहने वाला था। नवीन जयपुर में कपड़े का व्यापार करता था। पुलिस के पास सभी आरोपियों और घटना को लेकर सीसीटीवी फुटेज है। मौके से भागने वाले दोनों आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हत्या से पहले पी शराब
बदमाश स्कॉर्पियो (आरजे-14 टीई- 7037) से पहुंचे थे। गोगामेड़ी के घर के बाहर खड़ी बदमाशों की स्कॉर्पियो में पुलिस को एक बैग, शराब की बोतल और खाली ग्लास मिले थे। एफएसएल टीम की मदद से फायरिंग वाली जगह से सबूत जुटाए गए।
पुलिस ने सबूत जुटाने के लिए स्कॉर्पियो को लॉक कर खड़ा कर दिया। स्कॉर्पियो जयपुर के झालाना आरटीओ ऑफिस से रजिस्टर्ड है। गाड़ी मालिक प्रदीप बताया जा रहा है। पुलिस गाड़ी मालिक के बारे में जानकारी जुटा रही है।
5 हजार रुपए में किराए पर ली थी स्कॉर्पियो
पुलिस की शुरुआती जांच में आया है कि नवीन ने 30 नवंबर को मालवीय नगर में रेंट पर गाड़ी देने वाले इमरान से 5 हजार रुपए किराए पर स्कॉर्पियो ली थी। 5 दिसंबर दोपहर 12:30 बजे तक नवीन यह स्कॉर्पियो लेकर अकेला घूमता नजर आया था।
वैशाली नगर स्थित नर्सरी सर्किल के पास महज 2 मिनट के लिए स्कॉर्पियो बंद हुई थी। इसके बाद दोबारा वहां से रवाना होकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर के बाहर रुकी थी। यह सब पुलिस को स्कॉर्पियो में लगे जीपीएस सिस्टम से पता चली।
सिक्योरिटी गार्ड बोला- नवीन ने गोगामेड़ी की किसी से फोन पर बात कराई थी
पुलिस पूछताछ में गोगामेड़ी के सिक्योरिटी गार्ड नरेंद्र ने बताया-‘नवीन शेखावत सुखदेव गोगामेड़ी से मिलने आया था। नवीन ने गोगामेड़ी की किसी से फोन पर बात करवाई थी। उसके बाद सुखदेव गोगामेड़ी ने नवीन शेखावत को अंदर मिलने बुलाया था।
नवीन के साथ दो हमलावर भी अंदर आए थे। तभी हमलावरों ने नवीन और सुखदेव गोगामेड़ी पर फायरिंग शुरू कर दी थी। गोगामेड़ी के परिचित अजित को भी गोली मारी। बाहर निकलते समय हमलावरों ने नरेंद्र को भी गोली मार दी।’

गैंगस्टर रोहित गोदारा ने ली हत्या की जिम्मेदारी
घटना के बाद गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से बने फेसबुक पेज पर हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी। पोस्ट में लिखा- राम राम, सभी भाइयों को मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बरार। भाइयों आज यह जो सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या हुई है। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी हम लेते हैं। यह हत्या हमने करवाई है।
भाइयों मैं अपको बताना चाहता हूं कि ये हमारे दुश्मनों से मिलकर उनका सहयोग करता था। उनको मजबूत करने का काम करता था। रही बात दुश्मनों की तो वह अपने घर की चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखें। जल्दी उनसे भी मुलाकात होगी।

पहले कई बार मिल चुकी थी धमकी
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पहले कई बार धमकी मिली चुकी थी। इसको लेकर उन्होंने पुलिस को शिकायत दी थी कि मेरी जान को खतरा है। जब गोगामेड़ी की पत्नी कॉलोनी स्थित मंदिर में पूजा के लिए जाती थीं तो उनके साथ निजी गनमैन जाते थे।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी साल 2017 में फिल्म पद्मावत की जयगढ़ में शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना के लोगों ने तोड़फोड़ की थी। गोगामेड़ी फिल्म पद्मावत और गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर केस के बाद राजस्थान में हुए प्रदर्शन से चर्चा में आए थे।

गोगामेड़ी कौन थे
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इससे पहले लंबे समय तक राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे थे। विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था।
करणी सेना से अलग होकर बना था संगठन
साल 2006 में सबसे पहले करणी सेना बनी थी। बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया था। साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया था।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना है। वहीं सुखदेव सिंह राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम का संगठन संभाल रहे थे।