इजरायल और हमास के बीच अस्थायी संघर्ष विराम के दौरान इजरायल ने हिरासत में ली गई सात महिलाओं, बच्चों और गाजा पर उसकी बमबारी के परिणामस्वरूप मारे गए तीन बंदियों के शव लेने से इनकार कर दिया है. पिछले छह दिनों की तरह आज यानी गुरुवार को अस्थायी संघर्ष विराम बढ़ाने के बाद बंदियों और बंधकों का आदान-प्रदान होना था.
लेकिन हमास ने आरोप लगाया कि इजरायल ने तीन बंदियों के शव लेने से इनकार कर दिया है. हमास ने कहा कि यह संख्या उसी श्रेणी के बंदियों की है, जिस पर सहमति बनी थी. हमास ने कहा कि मध्यस्थों ने इस बात की पुष्टि की है. हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में किए गए हमले में लगभग 240 बंधकों को पकड़ लिया था, जिससे युद्ध भड़क गया था.
हमास के दावे की जांच कर रहा इजरायल
प्राप्त जानकारी के अनुसार केफिर बिबास केवल नौ माह का था जब उसे 7 अक्टूबर को इजरायल में उसके घर से हमास के लड़ाकों ने पकड़ लिया था. अचानक हुए हमले के दौरान उनकी मां और चार साल के भाई को भी बंधक बना लिया गया था. हमास ने बुधवार को कहा कि ये तीनों गाजा में इजरायल की बमबारी के परिणामस्वरूप मारे गए हैं, लेकिन इजरायली सेना ने कहा कि वह इस दावे की जांच कर रही है.
इजरायली रक्षा बलों ने एक बयान में कहा कि वे सूचना की सत्यता का आकलन कर रहे हैं. इजरायली सेना ने कहा, “गाजा पट्टी में सभी बंधकों की सुरक्षा के लिए हमास पूरी तरह से जिम्मेदार है. हमास की हरकतें बंधकों को खतरे में डाल रही हैं, जिनमें नौ बच्चे भी शामिल हैं.”
जानें हमास ने क्या किया दावा
वहीं हमास ने दावा किया कि केफिर, उसका भाई एरियल और उसकी मांं शिरी संघर्ष विराम लागू होने से कुछ दिन पहले इजरायली बमबारी में मारे गए थे. बच्चे केफिर की उम्र के कारण बिबास परिवार 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के हमलों में पकड़े गए हाई प्रोफाइल बंधकों में से एक थे.