बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़कर 75 फीसदी पहुंच गया है। नौकरी और शिक्षण संस्थानों में SC ST, ईबीसी,OBC को अब 65 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। मंगलवार से यह लागू हो गया। बिहार सरकार ने गजट प्रकाशित कर दिया है। आरक्षण संशोधन के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सभी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है।
सरकारी विभागों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2023 के प्रावधानों को लागू करने के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
विधेयक सर्वसम्मति से पारित कराया गया
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सभी दलों की सहमति से जाति आधारित गणना कराई गई। रिपोर्ट आने के बाद विधानसभा और विधान परिषद में उस पर चर्चा की गई। उसी आधार पर सभी वर्गों की स्थिति को ध्यान में रखकर आरक्षण लागू किया गया।
दोनों सदनों से यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित कराया गया और इसका गजट प्रकाशित हो चुका है। सभी विभाग इसको ध्यान में रखते हुए आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को पूर्णतः लागू करें, ताकि लोगों को इसका तेजी से लाभ मिल सके।
गरीब परिवार को 2 लाख रुपए दिया जाएगा
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जाति आधारित गणना के साथ लोगों की आर्थिक स्थिति की भी गणना कराई गई है। जिसके आधार पर तय किया गया है कि प्रत्येक गरीब परिवार को दो लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए जमीन खरीदने के लिए एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
सतत जीविकोपार्जन योजना के प्रत्येक लाभार्थी को 2 लाख रुपए तक का लाभ दिया जाएगा। राज्य में अब तक 1 करोड़ 30 लाख जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह से जुड़ चुकी हैं। 1 करोड़ 50 लाख जीविका दीदियों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। शहरों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाएगा।
लोगों के हित राज्य सरकार काम कर रही है
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के लिए न्याय के साथ विकास का कार्य कर रही है। सभी जाति एवं सभी वर्गों के हित के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे, जिन्हें स्कूल पहुंचाया गया है। सर्वे में पता चला कि पति-पत्नी अगर मैट्रिक पास है तो देश की प्रजनन दर 2 थी और बिहार की भी प्रजनन दर 2 थी। पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश की प्रजनन दर 1.7 थी और बिहार की प्रजनन दर 1.6 थी। इसको ध्यान में रखते हुए लड़कियों की शिक्षा पर हमने काफी जोर दिया।
लड़कियों के शिक्षित होने से राज्य की प्रजनन दर घटी है। महिलाओं के शिक्षित होने से न सिर्फ उनका भला होता है बल्कि पूरे परिवार एवं समाज का भला होता है। राज्य में काफी संख्या में सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया। राज्य के किसी भी हिस्से से पटना पहुंचने के लिए 6 घंटे का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया और अब 5 घंटे के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है।
जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र करीब 9 प्रतिशत था। काफी संख्या में पौधारोपण कराया गया और राज्य का हरित आवरण क्षेत्र अब 15 प्रतिशत से अधिक हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी पौधों के बीजों का छिड़काव कर पौधारोपण किया गया। जल संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा है।
हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। राज्य में शराबबंदी लागू की गई है, जिससे समाज का वातावरण बदला है। नीरा के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और उससे बने हुए प्रोडक्ट्स को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाया गया है।
हर स्थिति में लॉ एंड ऑर्डर को कायम रखें
मीटिंग के दौरान सीएम ने उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को हर स्थिति में कायम रखें। जो भी व्यक्ति गड़बड़ी करता हो, चाहे वे कोई भी हो, सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में प्रेम और भाईचारे का माहौल कायम किया गया। मंदिर और कब्रिस्तान की घेराबंदी कराई गई है।