राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की तीन दिवसीय बिहार यात्रा 18 अक्टूबर से शुरू होगी। इस दौरान 150 मजिस्ट्रेट, 200 पुलिस अधिकारी और 800 से अधिक जवानों की तैनाती की जा होगी। साथ ही घुड़सवार दल कार्यक्रम स्थल के आसपास तैनाती होगा। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक सबसे पहले बापू सभागार में चौथे कृषि रोडमैप का लोकार्पण करेंगी।
इसके बाद वापस राजभवन जाएंगी। शाम में राजभवन से श्रीहरिमंदिर साहिब जाएंगी। अगले दिन 19 अक्टूबर को मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में जाएंगी। वहां से लौटने के बाद पटना एम्स में छात्रों को संबोधित करेंगी। 20 अक्टूबर को गया केंद्रीय विवि के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। गया से ही नई दिल्ली के रवाना होंगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 अक्टूबर को पटना आएंगी. सीएम नीतीश ने राष्ट्रपति को यह आमंत्रण पटना में चौथे कृषि रोडमैप लॉचिंग समारोह के लिए दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण को राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है और वे 18 अक्टूबर को पटना में रहेंगी. राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है जब द्रौपदी मुर्मू बिहार आ रही हैं. उनका यह दौरा इसलिए भी खास है कि उन्हें बिहार आने के लिए आमंत्रण खुद नीतीश कुमार की ओर से दिया गया है.
वहीं दिन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गया जाएंगी. वहां दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के तीसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी और विद्यार्थियों को उपाधि व मेडल प्रदान करेंगी. गया स्थित स्थायी परिसर में पहली बार सीयूएसबी का दीक्षांत समारोह का आयोजन 19 अक्टूबर को होगा. वहीं अपने दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रपति 20 अक्टूबर को मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय जाएंगी. वहां भी महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी.
महात्मा गांधी की कर्मस्थली सत्याग्रह भूमि पर 19 अक्टूबर को आ रहीं द्रौपदी मुर्मु यहां आनेवाली पहली राष्ट्रपति होंगी। वे सात साल पहले स्थापित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षा समारोह में शामिल होंगी।
उनकी यात्रा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए 21 अलग-अलग कमेटियों का गठन किया गया है। उनके स्वागत, भोजन व जलपान में चंपारण की झलक दिखेगी। इसके लिए संबंधित समितियों के स्तर पर तैयारी की जा रही है।
जिला प्रशासन के स्तर से प्रोटोकाल के अनुसार विभिन्न स्तरों पर तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम के दिन भारत-नेपाल सीमा से लेकर जिले की सभी सीमाओं पर कड़ी चौकसी होगी। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने सुरक्षा प्रबंधों को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।
विश्वविद्यालय प्रकोष्ठ प्रभारी सह प्रबंधन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. (प्रो.) पवनेश कुमार बताते हैं दीक्षा समारोह में आ रहीं राष्ट्रपति कुल एक घंटे तक यहां रूकेंगी। कार्यक्रम शहर के बीच स्थित राजा बाजार स्थित बापू सभागार में होगा। यहां उनके स्वागत के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं।
समारोह की गरिमा के अनुरूप सबसे पहले शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री विद्वत परिषद, विद्या परिषद, कार्यकारी परिषद के सदस्य समेत गिनती के प्रमुख लोग प्रोटोकाल के अनुरूप शामिल होंगे। शोभा यात्रा परिसर के एक प्रवेश द्वार से शुरू होकर दूसरे पर जाकर समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। समारोह में कुल 60 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाना है। उनमें से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले (टॉपर ) दस विद्यार्थियों को राष्ट्रपति गोल्ड मेडल देकर सम्मानित करेंगी। इसकी सूची राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजी गई है।
शाकाहारी व्यंजन परोसने की तैयारी
राष्ट्रपति के जलपान व भोजन के लिए भी खास प्रबंध किए गए हैं। राष्ट्रपति विशुद्ध शाकाहारी हैं। वह लहसुन-प्याज तक भोजन में नहीं लेती। इसे ध्यान में रखते हुए उनके सामने चंपारण के शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में राष्ट्रपति भवन की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को जरूरी निर्देश मिले हैं। उन निर्देशों के अनुरूप भोजन व जलपान विशेष रसोई में तैयार होगा, जहां लहसुन-प्याज जैसी चीजों का प्रवेश बिल्कुल वर्जित हो।
बार्डर से लेकर शहर तक होगी कड़ी चौकसी
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में आ रही हैं। कार्यक्रम की तैयारियां विश्वविद्यालय के स्तर पर चल रही है। उनके प्रोटाकाल के मुताबिक उनके विश्रामस्थल से लेकर कार्यक्रम स्थल तक सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
कार्यक्रम को केंद्र में रखते हुए भारत-नेपाल की सीमा से लेकर पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में पुलिस अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। प्रोटोकाल के अनुपालन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।