इजरायल में हमास के आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक करीब 2 साल पहले इस हमले की साजिश रची गई थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए फण्ड इक्कठा किया जा रहा था। हमास के हैकर्स को फंडिंग का बड़ा हिस्सा इक्कठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
2 साल पहले से टेरर फंड हो रहा था इकट्ठा
हमास के हैकर्स ने अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए करीब 2 साल पहले टेरर फंड इक्कठा करना शुरू कर दिया था। हमास के ये हैकर दुनिया भर में लोगों के ई-वॉलेट पर डाका डाल रहे थे। इन हैकर्स का शिकार दिल्ली के पश्चिम विहार के रहने वाला एक करोबारी भी बना। इस कारोबारी के क्रिप्टो करेंसी वॉलेट से करीब 30 लाख रुपये की सेंधमारी की गई।
फंड इकट्ठा करने की जानकारी इजरायल को भी थी
2 साल पहले दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अगुवाई में जांच शुरू हुई थी लेकिन यूजर तक पुलिस नहीं पहुच पाई थी। जांच में खुलासा हुआ कि ये पैसा अल-क़साम ब्रिगेड्स के वॉलेट में गया, जिसे फिलिस्तीन का आतंकी संगठन हमास मेंटेन कर रहा था। इसी एकाउंट में दुनिया भर से अलग-अलग लोगों के ई-वॉलेट में डाका डाल कर आतंक के लिए पैसा जुटाया जा रहा था। बाद में इस बात की तस्दीक इजरायल के नेशनल ब्यूरो फ़ॉर काउंटर टेरर फिनांसिग ने भी की थी। इस एकाउंट को इजरायल की काउंटर टेरर यूनिट ने फ्रीज किया था, जोकि हमास के कमांडर मोहम्मद नासीर इब्राहिम अब्दुल्ला के नाम पर था।
हमास कमांडर के खाते में जा रहे थे पैसे
इसके अलावा जांच में ये भी खुलासा हुआ था कि कुछ ऐसे ही वॉलेट इजिप्ट के गाज़ा में अहमद मरज़ूक़ और फिलिस्तीन में एक अन्य क्रिप्टो करेंसी वॉलेट अहमद क्यू एच सफी के नाम से चलाए जा रहे थे जिनमें टेरर फंडिंग की मोटी रकम आ रही थी। बाद में इजरायल की टेरर काउंटर यूनिट ने खुलासा किया कि ये एकाउंट भी हमास के कमांडर ऑपरेट कर रहे थे। अलग-अलग ई वॉलेट से पैसा हमास की मिलिट्री विंग के कमांडरों के वॉलेट में जा रहा था, जिसे आने वाले वक्त में आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए किया जाना था।
433 क्रिप्टो करेंसी के ई-वॉलेट फ्रीज
इसी तरह इजरायल की लाहव पुलिस ने करीब 433 क्रिप्टो करेंसी के ई-वॉलेट फ्रीज किए जिनमें हमास के आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए चंदे के रूप में टेरर फण्ड इक्कठा किया जा रहा था। इस हमले से ठीक पहले इजरायल की इंटेलीजेंस, सिक्युरिटी और डिफेंस एजेंसियो की मानें तो हमास ने बड़े पैमाने पर क्रिप्टो करेंसी के जरिए टेरर फंड जमा किया। टेरर फंडिंग इक्कठा करने में सबसे अहम रोल सोशल मीडिया ने अदा किया था जिस पर इजरायल को शैतान दिखाकर लोगों को बरगलाया गया और चंदे के रूप में टेरर फंड इक्कठा किया गया। इजरायल ने बिनांस क्रिप्टो एक्सचेंज और ब्रिटिश पुलिस की मदद से ब्रिटिश बैंक बार्कले में ऐसे दर्जनों ई-वॉलेट फ्रीज़ किये थे जिनका इस्तेमाल हमास के लिए टेरर फंड इक्कठा करने में हो रहा था।
इजरायल पर हमला शुरू करने से एक रात पहले कुछ अस्पष्ट संकेत थे
सेना ने एक इजरायली मीडिया चैनल (चैनल 13) की एक रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि हमास द्वारा इजरायल पर हमला शुरू करने से एक रात पहले कुछ अस्पष्ट संकेत थे. टाइम्स ऑफ इजरायल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अधिकारियों ने शुक्रवार रात उन संकेतों पर चर्चा की और अगली सुबह इस मामले को उठाने पर सहमति व्यक्त की. आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हागारी ने कहा कि हालांकि कोई बड़ी चेतावनी नहीं थी, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि कुछ संकेत थे. हागारी ने कहा, ‘ऐसी कोई चेतावनी नहीं थी. जो संकेत कुछ घंटों पहले आए थे, वे अलग-अलग खुफिया संकेतों पर आधारित हो सकते हैं’ उन्होंने यह भी कहा कि हमले से जुड़ी हर चीज की जांच सेना द्वारा की जाएगी.
इजरायल में मरने वालों की संख्या 1300 तक पहुंची; कुल मृत्यु संख्या अब 4000 से अधिक है
द टाइम्स ऑफ इजरायल ने हिब्रू मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए घातक हमले में मरने वालों की संख्या 1,300 तक पहुंच गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 3,300 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 350 की हालत गंभीर है. गाजा में मरने वालों की संख्या भी कथित तौर पर 1,200 तक पहुंच गई है. इस बीच, इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने 1,500 हमास आतंकवादियों के शव बरामद किए हैं, जिससे युद्ध में मरने वालों की कुल संख्या 4,000 हो गई है.
इजरायल ने लेबनान सीमा पर कस्बों में आरक्षित बलों को तैनात किया
टाइम्स ऑफ इजरायल ने कहा कि इजरायल रक्षा बल ने लेबनान सीमा पर कस्बों में आरक्षित बलों को तैनात किया है. अधिकारियों ने कहा कि बल ‘निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कस्बों में विभिन्न रक्षा कार्य कर रहे हैं, जिसमें गश्त, एम्बुश और रोड ब्लॉक बैरियर्स लगाना शामिल है.’