आजीवन कारावास की सजा काट कर बाहर निकले पूर्व बाहुबली सांसद आनदन मोहन आज अपे समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरे हैं. सहरसा में एम्स निर्माण सहित विकास के अन्य मुद्दों को लेकर उन्हौने बंद बुलाया है.और इस बंद को सफल बनाने के लिए वे खुद सड़कों पर उतरे हैं.
पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह के आह्वान पर एम्स निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले सहरसा में बन्द बुलाया गया है।वहीं सभी दलों, व्यवसाइयों एवं आम नागरिक ने पूरे शहर की दुकाने बन्द कर इस ऐतिहासिक बन्द को समर्थन किया है।सुबह से ही दुकानों में ताला लटका हुआ है.वहीं सड़क पर वाहनों का परिचालन भी बंद है.शहर के सभी चौक चौराहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
पिछले कई दिनों से 31 जुलाई को सहरसा को बंद कराने की घोषणा की गई थी।इस ऐतिहासिक बन्द को लेकर शहर के विभिन्न चौक चौराहे को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. वही सर्वदलीय बंद पूरी शांति पूर्ण तरीके से किया गया सभी दल अपने अपने झंडे बैनर लेकर बाइक से पैदल बंद करवा रहे थे।इस कड़ी में bjp विधायक आलोक रंजन ने भी इस बन्द का समर्थन किया है और अपने दर्जनों नेता व कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतर कर बन्द का समर्थन किया है.
पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) का मुहर्रम पर एक अलग ही अंदाज दिखा है. लाठी के साथ उन्होंने इस तरह करतब दिखाया कि अच्छे-अच्छों के होश उड़ गए. मानो ये हुनर उनका पुराना हो. सहरसा के नौहट्टा प्रखंड के मझौल गांव में मुहर्रम पर मेले का आयोजन किया गया है. इस मौके पर रविवार (30 जुलाई) को पूर्व सांसद आनंद मोहन पहुंचे जहां मुहर्रम के मौके पर लठबाजी का करतब दिखाया जा रहा था. यह देखकर आनंद मोहन खुद को रोक नहीं पाए.
पूर्व सांसद आनंद मोहन लाठी लेकर मैदान में उतर गए और खूब लाठी भांजी. जो वीडियो सामने आया है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि उनका ये हुनर पुराना है. लोगों ने आनंद मोहन को जब लाठी भांजते देखा तो उनके होश उड़ गए. देखने वालों की भीड़ लग गई.
सहरसा बंद का आह्वान
दरअसल, सोमवार (31 जुलाई) को एम्स सहित अन्य मांग को लेकर सहरसा बंद का आह्वान किया गया है. इसमें आम नागरिक सहित लगभग सभी दल के नेता और संगठन समर्थन दे रहे हैं. पूर्व सांसद आनंद मोहन भी इस बंद में हिस्सा ले रहे हैं. इसको लेकर गांव-गांव जाकर लोगों को बंदी में शामिल होने के लिए न्योता भी दे रहे हैं. इसी दौरान मुहर्रम के मौके पर उन्हें मेला कमेटी द्वारा मझौल गांव बुलाया गया था. यहां मौजूद युवा लठबाजी का करतब दिखा रहे थे जिसे देखकर पूर्व सांसद खुद को रोक नहीं पाए.
आनंद मोहन ने सहरसा बंद को लेकर कहा कि मैं यहां के नोजवानों से अपील करने आया था कि आपलोग भी बड़ी संख्या में भाग लें. सहरसा के साथ लगातार नाइंसाफी हो रही है. कमिश्नरी रहते सहरसा मुख्यालय का लोकसभा के मानचित्र से नाम हटा दिया गया है. कमिश्नरी रहते यहां यूनिवर्सिटी नहीं बन पाया, मेडिकल कॉलेज नहीं बन पाया, ओवरब्रिज नहीं बन पाया. ये तमाम विकास के जो क्षेत्रीय कार्यालय थे सब धीरे धीरे सहरसा से उठते चले गए. सहरसा में एम्स बने. इन्हीं सारी समस्याओं को देखते हुए बंद का आह्वान किया गया है.