यह विचार टमाटर को ही आया। उसने हरी मिर्च से कहा–देखो राजनीति में कैसे नये–नये गठबंधन बन रहे हैं। हरी मिर्च तो फिर मिर्च ठहरी। सो वह तुनक गई–नया तो इंडिया ही है। एनडीए तो पुराना ही है। टमाटर ने कहा–पर था कहां। पता नहीं ठंडे बस्ते में था या दछत्ती में पड था। ढूंढकर निकाला है। तो नया ही समझो। हरी मिर्च ने कहा–मुझे क्या। उसने टमाटर को ज्यादा भाव नहीं दिया। वजह थी उसका नया आइडिया। लेकिन हरी मिर्च इतरा रही थी। उसे पहली बार इतना भाव मिल रहा था। सो उसके नखरे आसमान पर थे।
लेकिन अपने नये विचार को अमलीजामा पहनाने के लिए टमाटर ने उसे पुचकारा–क्यों न हम भी एक गठबंधन बना लें। क्यों न हम गठबंधन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत कर लें। इससे मुझे क्या मिलेगा–हरी मिर्च फिर इतराई। इस पर टमाटर नाराज हो गया–ज्यादा इतराओ नहीं। पता है न घीया–तोरी के साथ भी लोग फ्री में ले जाते हैं। वे दिन फिर आ सकते हैं। सो हरी मिर्च फौरन टमाटर का साथ देने को तैयार हो गई। टमाटर के हौसले बढे। उसने एक–एक कर तमाम सब्जियों से संपर्क साधा और गठबंधन कायम करने का अपना विचार उनके सामने पेश किया। सभी को उसका विचार पंसद आया। पर मुकुटधारी बैंगन ने मौका देखकर–लीडरशिप का सवाल खडा कर दिया। कडवा करेला मुकुटधारी बैंगन की इस चाल को समझ गया–ओ श्रीमान मुकुटधारी जरा धीरे चल भाई। यहां किसी को गद्दी नहीं मिलनी है। बस अच्छा भाव मिलता रहे‚ यही काफी है। गहन विचार के बाद सुुझाव सामने आया कि प्याज से भी संपर्क करना चाहिए। एक जमाने में उसका बडा रुतबा रहा है भाई। सरकारें तक गिराई हैं और हिलाई तो खूब हैं। बहरहाल‚ प्याज से संपर्क साधा गया तो वह उखड गई–सबसे सलाह कर ली‚ उसके बाद आए हो न हमारे पास। ठीक है आज हमारा वक्त नहीं है वरना किसी नेता की हिम्मत कि कह दे कि मैं प्याज नहीं खाता। अरे भाई इसका इतना बुरा क्यों मान रहे हो–टमाटर ने कहा–नेता तो मेरे बारे में भी कहते हैं कि टमाटर मत खाओ। पथरी हो जाती है। बहरहाल‚ प्याज नहीं पसीजी। सब्जियों का नया गठबंधन तो बन गया। पर प्याज उसमें शामिल नहीं हुई। राजनीतिक गठबंधनों में भी तो बहुत से दल शामिल नहीं हैं न।
आप को धमकी की भाषा शोभा नहीं देती………….
एक बहस में एक प्रवक्ता एंकर से शिकायत करता है कि वह उसे बोलने से रोक रहा है क्योंकि वह...