राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में 39 घटक दल शामिल हुए। बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सभी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा जताया और उनके नेतृत्व में एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया। प्रस्ताव में एनडीए के सहयोगियों ने चुनाव में विजयी होने और लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाने का विश्वास जताया।
एनडीए के प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हुई। इसमें एनडीए के कुल 39 गठबंधन दलों ने हिस्सा लिया। यह बैठक एनडीए की स्थापना के 25 सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित की गई। इसमें कहा गया है कि बैठक में एनडीए के सभी घटक दलों ने संकल्प लिया कि एनडीए एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ेगा और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
एनडीए ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे लोगों से जो आशीर्वाद मिला, वह 2019 के आम चुनाव में कई गुना बढ़ गया। इसमें कहा गया है कि विपक्ष पहचान और प्रासंगिकता के संकट से गुजर रहा है। यह दिग्भ्रमित और दिशाहीन है। भारत ने विपक्ष की ओर से फैलाए गए झूठ और अफवाहों को खारिज किया है और एनडीए में भरोसा जताया है।
हम एकजुट हैं और हम एकमत हैं…
एनडीए के सहयोगी दलों ने अपनी प्रतिबद्धता, समर्पण, अथक परिश्रम और निस्वार्थ समर्पण के जरिए भारत को अभूतपूर्व विकास के पथ पर आगे बढ़ाने और देश के नागरिकों को अपनी शक्ति और कौशल पर गर्व महसूस करने का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। प्रस्ताव में कहा गया है कि एनडीए के घटक दल पूरी तरह एकजुट और प्रतिबद्ध हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस विकास यात्रा में भागीदार के रूप में हम एक हैं, हम एकजुट हैं और हम एकमत हैं।
एनडीए की बैठक के बाद मीडिया से बता करते हुए वरिष्ठ अन्नाद्रमुक नेता एम थंबी दुरई ने कहा कि हमने प्रस्ताव पारित किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी को अपना समर्थन दिया है।
दिल्ली में एनडीए की बैठक में हिस्सा लेने के बाद जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा कि बैठक बहुत शानदार रही। हमने आत्मनिर्भर भारत, कौशल भारत पर चर्चा की। मैंने जनसेना की ओर से पीएम मोदी से वादा किया कि हम उनके दृष्टिकोण पर कायम रहेंगे और अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।
दिल्ली में एनडीए की बैठक खत्म होने के बाद एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मैं और अजित पवार एनडीए की बैठक में 38 राजनीतिक दलों के साथ उपस्थित थे। एनसीपी एनडीए का अभिन्न अंग है। एनसीपी आगे भी एनडीए के साथ मिलकर काम करेगी।
एनडीए के तीसरे कार्यकाल में तीसरी आर्थिक शक्ति बनेगा भारत
एनडीए की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एनडीए के सत्ता में आने से पहले 2014 में देश की अर्थव्यवस्था 10वें नंबर थी। इस समय यह पांचवें स्थान पर है। हमारे तीसरे कार्यकाल के दौरान हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हम इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
एकनाथ शिंदे का दावा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगामी लोकसभा चुनावों में एनडीए के 330+ सीटें जीतने का भरोसा जताया. बीजेपी ने 18 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 38 दलों की बैठक की थी. एनडीए की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.
बढ़ रहा NDA का दायरा
विशेष रूप से, मंगलवार को विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में एक बैठक की, जबकि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में बैठक की. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने दिल्ली में एक मेगा बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चे के अपने 37 सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि एनडीए सहयोगियों की संख्या 1998 में 24 से बढ़कर 2023 में 38 हो जाना गठबंधन के विस्तार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के पैमाने को दर्शाता है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला NDA 2024 में पहले से भी अधिक बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगा और शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी गठबंधन राज्य में क्लीन स्वीप करेगा. यहां संवाददाताओं से बातचीत में शिंदे ने विपक्षी गठबंधन को खारिज करते हुए इसे निराश राजनीतिक दलों का गठबंधन बताया, जिनके मन में केवल मोदी के प्रति नफरत है.
मीटिंग को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1990 के दशक में गठबंधन का इस्तेमाल देश की अस्थिरता के लिए किया तो वहीं दूसरी ओर एनडीए का गठन किसी को हटाने के लिए नहीं बल्कि स्थिरता लाने के लिए हुआ था.
पीएम मोदी ने कहा, ”हम जब विपक्ष में थे तब भी हमने सकारात्मक राजनीति की. हमने कभी नकारात्मक राजनीति नहीं की. हमने विपक्ष में रहकर सरकारों का विरोध किया और उनके घोटालों को सामने लाए, लेकिन जनादेश का अपमान नहीं किया. हमने विदेशी ताकतों की मदद भी नहीं मांगी.”
बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक पर क्या कहा?
पीएम मोदी ने बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग देश को तोड़ रहे हैं तो हम जोड़ रहे हैं. जनता सब देख रही है कि ये एकजुट क्यों हो रहे हैं. लोग देख रहे हैं कि कौन सा गोंद है जो इन्हें जोड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ”केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खून के प्यासे हैं, लेकिन बेंगलुरु में दोनों पार्टी के नेता हाथ में हाथ डालकर मुस्कुरा रहे हैं. बंगाल में टीएमसी के लोग कांग्रेस और लेफ्ट के वर्करों पर हमले कर रहे हैं, लेकिन यहां ये कुछ नहीं बोल रहे हैं. इनकी सच्चाई दूसरे राज्य में भी दिखेगी. इन्हें अपने कार्य़कर्ताओं की परवाह नहीं है. ”
पीएम मोदी ने दावा किया कि देश के लोग मना बना चुके हैं कि तीसरी बार फिर से हमें ही चुनना है. उन्होंने कहा कि जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया जाता है तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है.
प्रणब मुखर्जी का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन शत्रुता नहीं होती. आज विपक्ष ने हमें गाली देने और हमें नीचा दिखाने की पहचान बना ली. यह एनडीए सरकार ही है, जिसने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया, हमने मुलायम सिंह यादव, शरद पवार और गुलाम नबी आज़ाद जैसे अनेक नेताओं को पद्म सम्मान दिया.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए पर लोगों का विश्वास बढ़ा है. उन्होंने कहा कि देश सबके विश्वास से चलता है. हमारे देश में राजनीतिक गठबंधनों की एक लंबी परंपरा रही है, लेकिन जो भी नकारात्मकता के साथ बने वो कभी सफल नहीं हुए. हमने कभी नकारात्मकता नहीं चुना. हमने कभी सरकार का विरोध करने के लिए विदेश से मदद नहीं मांगी.
उन्होंने कहा कि एनडीए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक विरासत है, जो हमें जोड़े हुए है. एनडीए के निर्माण में लाल कृष्णी आडवाणी ने भी बहुत अहम भूमिका निभाई थी. वो आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं. हाल ही में एनडीए के गठन के 25 साल पूरे हुए हैं. ये 25 वर्ष देश की प्रगति को गति देने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के रहे हैं.
पीएम मोदी ने एनडीए का अर्थ बताया
पीएम मोदी ने एनडीए का मतलब बताया. उन्होंने कहा कि एन का अर्थ- नया भारत (New India), डी का मतलब- विकसित राष्ट्र (Developed Nation) और ए का अर्थ लोगों की आकांक्षा (Aspirations of people) है.