कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि अब ये साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री ‘अशोक गहोलत की नेता वसुंधरा राजे हैं, न कि सोनिया गांधी’। पायलट ने कहा कि अब लोग यह स्पष्ट तौर पर समझते हैं कि गहलोत ने वसुंधरा के शासन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश क्यों नहीं दिए। सचिन पायलट अजमेर से जयपुर के लिए पांच दिवसीय पदयात्रा शुरू करेंगे। गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अशोक गहलोत पर निशाना साधा। प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 2020 में अगर राजस्थान की सरकार गिरने से बची थी तो उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ सोनिया गांधी और राहुल गांधी थे। किसी और को उसका क्रेडिट नहीं लेना चाहिए, ना ही किसी को इस बात की गलतफहमी होनी चाहिए कि उसने सरकार बचाई थी। मेरा मानना है कि सारी दुनिया जानती है कि सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी पर कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं करती। सबको पता है कि अशोक गहलोत ने अपनी चतुराई से पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री बदलने के प्लान को पलीता लगा दिया था लेकिन कांग्रेस इसे नहीं मानती। हर किसी को पता है कि गहलोत और पायलट इसी तरह टकराते रहे तो राजस्थान में कांग्रेस को भारी नुकसान होगा और कांग्रेस इस मामले में भी डिनायल मोड में है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि सचिन पायलट अब ये साबित करने में लगे हैं कि गहलोत और वसुंधरा राजे आपस में मिले हुए हैं और ये बात बीजेपी को भी परेशान कर रही है।