पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्धसैनिक बलों और रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से मंगलवार को गिरफ्तार लिया और इसी के साथ पूरे देश में फैली हिंसा के बीच गृह युद्ध के हालात बन गए। इमरान को अल–कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन पर गलत तरीके से ट्रस्ट की जमीन बिल्ड़र मलिक रियाज को हस्तांतरित करने का आरोप है। पाकिस्तान के गृह मंत्री राना सनाउल्ला के मुताबिक‚ इमरान ने राष्ट्रीय खजाने को नुकसान पहंुचाया है‚ इस मामाले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। वैसे‚ इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से उनके खिलाफ १४० से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इमरान की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उनके समर्थक और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता सड़़क पर उतर आए। देखते ही देखते सारी तरफ हिंसा फैल गई। आगजनी होने लगी। जगह–जगह सेना के ठिकानों को निशाना बनाया जाने लगा। रावलपिंड़ी में सेना मुख्यालय में भीड़़ घुस गई। कमांड़रों के घरों के सामान बाहर निकाल कर आग लगा दी गई। पूरे देश में धारा १४४ लगानी पड़़ी है‚ उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश जारी करने की भी खबर है। पाकिस्तान में किसी पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी कोईनई बात नहीं है। पाकिस्तान में सरकार गिर जाने‚ सेना के तख्तापलट या अविश्वास से गिरी सरकार के बाद प्रधानमंत्रियों को निशाने पर लेने का इतिहास रहा है। जुल्फिकर अली भुट्टो के अलावा और कई प्रधानमंत्री रहे हैं‚ जिनकी गिरफ्तारियां हुई हैं। हुसैन शहीद सुहरावर्दी‚ बेनजीर भुट्टो‚ नवाज शरीफ‚ शहीद खकान अब्बासी के नाम भी इनमें शामिल रहे हैं। अब इमरान का नाम भी इनमें जुड़ गया है। वैचारिक मतभेदों से इतर यह गिरफ्तारी का मसला लोकतंत्र की संस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है। पाकिस्तान में लोकतंत्र और सेना का विवाद आजादी के वक्त से चला आ रहा है। कहा जाता है कि सेना और मौलवी ही पाकिस्तान को चलाते रहे हैं। लोकतंत्रके नाम पर हुए चुनाव अवाम के साथ छल से ज्यादा कुछ साबित नहीं हुए। भारत के साथ सीमा पर तनाव और दोनों देशों के बीच मुद्दों के अनसुलझा बने रहने से सेना को देश पर अपनी पकड़़ मजबूत बनाए रखने में आसानी होती है। घरेलू हालात से ध्यान भटकाने के लिए सेना नियंत्रण रेखा पर कुछ गड़़बड़़ सकती है। भारतीय सेना को सीमा पर करीबी से नजर रखनी होगी। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकस रहना होगा।
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