मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मणिपुर में हो रही हिंसा के मद्देनजर वहां रहने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को मणिपुर के मुख्य सचिव से वार्ता कर वहां रह रहे बिहार के लोगों की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित कराने हेतु निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि मणिपुर में रह रहे बिहार के ऐसे लोग जो वापस बिहार आना चाहते हैं, उन्हें वापस लौटने में मुख्य सचिव फैसिलिटेट कराएं ताकि वे सुरक्षित बिहार वापस आ सकें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर हिंसा को लेकर चिंता जताई है। सीएम वहां रहने वाले बिहारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसको लेकर उन्होंने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को निर्देश दिया कि वे मणिपुर में रह रहे बिहारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को यह निर्देश दिया कि मणिपुर में रह रहे बिहार के लोगों की समुचित सुरक्षा के लिए वह मणिपुर के मुख्य सचिव से बात करें। उनकी समुचित सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में रह रहे बिहार के ऐसे लोग जो वापस बिहार आना चाहते हैं। उन्हें वापस लौटने में मुख्य सचिव सुविधा उपलब्ध कराएं। जिससे वे सुरक्षित बिहार वापस आ सकें। मणिपुर के कई जिलों में हिंसा हुई। जनजातीय समूहों द्वारा रैली निकालने के बाद हिंसा की आग भड़क गई। राज्य के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना के जवान तैनात किए गए हैं। वहां के हालात अब कंट्रोल में हैं। पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
वहीं, राज्य में लगातार बढ़ रही हिंसा को देखते हुए, मोबाइल डेटा के बाद मणिपुर में ब्रॉडबैंड सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। रिलायंस जियो फाइबर, एयरटेल एक्सट्रीम, बीएसएनल सभी ब्रॉडबैंड और डेटा सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया
मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मणिपुर की सरकार ने सख्त कदम उठाया है। राज्य सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाको में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है।इधर, मणिपुर में बिगड़े हालात को देखकर लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया। सेना के प्रवक्ता के अनुसार अब तक हिंसाग्रस्त चूड़चंदपुर में करीब 5,000 लोगों को सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया।
मणिपुर में इस हफ्ते भड़की हिंसा अब धीरे-धीरे शांत हो रही है। राज्य में सेना-असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती के बाद से हालात सुधरे हैं। इस बीच मणिपुर सरकार ने हिंसा में जान गंवाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। बताया गया है कि अलग-अलग हिंसा की घटनाओं में 54 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, अनाधिकारिक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा बताया गया है।
इस बीच इंफाल घाटी में शनिवार को मार्केट और दुकानें खुल रही हैं। साथ ही सड़कों पर भी कुछ वाहन दिखाई दिए। इस बीच राज्य में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद दिखाई दी। अब तक राज्य में सुरक्षाबलों के 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। इस कड़ी सुरक्षा के चलते इंफाल में लोग सड़कों पर दिखने लगे हैं।