राज्यपाल–सह–कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि एवं पशु संसाधन हमारे समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं और इनके विकास से ही समाज का सवांर्गीण विकास संभव है।
राज्यपाल ने कहा कि पहले पशुधन हमारी समृद्धि का प्रतीक था। खेती को उत्तम पेशा माना जाता था तथा पशुधन इसके लिए आवश्यक था। उन्होंने पशुधन के विकास पर बल देते हुए कहा कि सरकार इसके लिए काफी प्रयत्नशील है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र–छात्राओं से कहा कि वे नौकरी की तलाश करने के बजाय पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में ऐसे अनेक कार्य कर सकते हैं जिनसे रोजगार का सृजन हो सके तथा समाज के विकास में भी वे अत्यधिक योगदान कर सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें आगामी २५ वर्षों के अमृतकाल में समाज के हित में अधिकाधिक कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। राज्यपाल ने इस अवसर पर उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले छात्र–छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने विश्वविद्यालय की पत्रिका सहित अन्य पुस्तकों का विमोचन भी किया। समारोह को राष्ट्रीय पशु चिकित्सा विज्ञान अकादमी‚ नई दिल्ली के अध्यक्ष ड़ॉ. डीवीआर प्रकाश राव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू‚ बिहार कृषि विश्वविद्यालय‚ सबौर के कुलपति डीआर सिंह‚ बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ड़ॉ. रामेश्वर सिंह एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।