अभी तो मैंने एक बुलेट दागा है. इसी से हलचल बढ़ी हुई है. अगर 10 बुलेट दाग दूंगा तो पता ही नहीं चलेगा कि ऊपर से क्या गया और नीचे से क्या गया. यह बातें चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने शुक्रवार को हाजीपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहीं. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और बिहार की महागठबंधन सरकार को भी निशाने पर लिया. लोगों से कहा कि इन दोनों ने ठगा है. आप लोग सोच समझकर सच्चे उम्मीदवार को वोट करें. इसका परिणाम भी सामने आया है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे पास छह बुलेट हैं तो मैं इतना बड़ा बेवकूफ नहीं हूं कि एक के साथ छह दाग दूं. प्रशांत किशोर ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि 10 वर्षों में मैंने जिसका हाथ पकड़ा वह हारा नहीं. मैं संकल्प लेकर निकला हूं और आप लोगों का हाथ पकड़ा हूं. भरोसा दिलाता हूं कि मैं आप लोग को कभी हारने नहीं दूंगा. बता दें कि प्रशांत किशोर ने कई बार कहा है कि उन्होंने छह लोगों को जिताने में मदद की है जो मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या इन्हें पीके अपना बुलेट मानते हैं?
पीके समर्थित प्रत्याशी को एमएलसी से मिली है जीत
प्रशांत किशोर इस तरीके का बयान इसलिए दे रहे हैं क्योंकि हाल ही में बिहार में पीके समर्थित एक प्रत्याशी आफताब आलम की एमएलसी के पद से जीत हुई है. इसके बाद से सियासी गलियारों में इसकी चर्चा हो रही है क्योंकि प्रशांत किशोर ने न कोई पार्टी बनाई है और न ही लोगों से वोट मांगा है. ऐसे में यह साफ है कि इस जीत से कहीं न कहीं पीके अंदर से और मजबूत हुए हैं.
बीजेपी और महागठबंधन पर भारी पड़ सकते हैं पीके?
बता दें कि जिस तरह से पीके लगातार पदयात्रा कर रहे हैं, जिस तरीके से बयान दे रहे हैं उससे कहीं न कहीं बीजेपी और महागठबंधन की टेंशन बढ़ चुकी है. यह इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि एमएलसी के चुनाव में आफताब आलम को जिस तरह से जीत मिली है इससे कहा जा सकता है कि आने वाले चुनाव में पीके भारी पड़ सकते हैं.