बिहार में जातीय गणना का दूसरा दौर आज से शुरू हो रहा है. इसकी शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने घर बख्तियारपुर जायेंगे, जहां वह खुद स्थानीय निवासी के रूप में सभी आंकड़े दर्ज करायेंगे. दूसरे चरण की गणना का काम 15 मई तक चलेगा, जिस दौरान चिन्हित दो करोड़ 88 लाख परिवार के लोगों का पूरा ब्यौरा साढ़े तीन लाख सर्वे में लगे लोग इकट्ठा करेंगे. इस दौरान लोगों से नाम, लिंग, आयु, शिक्षा समेत कुल 18 सवाल पूछ जाएंगे.
बिहार में जातियों के लिए कोड
बिहार में जातियों की अब संख्या के रूप में कोड के आधार पर पहचान की जाएगी. प्रत्येक जाति को 15 अप्रैल से 15 मई तक जाति आधारित गणना के महीने भर चलने वाले दूसरे चरण के दौरान उपयोग के लिए एक संख्यात्मक कोड दिया गया है. सात जनवरी से शुरू हुई गणना की कवायद मई 2023 तक पूरी हो जाएगी. राज्य सरकार इस कवायद के लिए अपने आकस्मिक निधि से 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस सर्वेक्षण का दायित्व सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है.
सीएम भी कराएंगे अपनी गणना
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शनिवार को बख्तियारपुर स्थित अपने घर जनगणना के लिए आंकड़े दर्ज कराएंगे. जनगणना करने वाले व्यक्ति को वे अपनी निजी, पारिवारिक समेत सभी जानकारी देंगे.
18 प्रकार की मांगी जाएगी जानकारी
इस जनगणना में सभी परिवार वालों से 17 प्रकार की जानकारी मांगी गई है. जाति गणना के लिए बने एप में जनता की सभी जानकारी कोड भाषा में ही भरा जायेगा. जाति गणना के लिए सरकार ने अलग-अलग जाति के लिए अलग कोड जारी किया है. इसी के आधार पर परिवार के प्रधान का कोड, लिंग का कोड, वैवाहिक कोड, धर्म का कोड, शैक्षणिक कोड और रोजगार संबंधी क्रियाकलाप का कोड जारी किया गया है.
ऑनलाइन और ऑफलाइन दर्ज होंगे आंकड़े
जाति जनगणना के दौरान लोगों के आंकड़े ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से भरे जाएंगे. ऑनलाइन डाटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. जिसकी सहायता से कोई भी जानकारी ऑनलाइन भी देख सकेंगे.