जब से आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला है, AAP के नेता गदगद हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की खुशी उनके ट्वीट में दिखी। उन्होंने लिखा, ‘इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। सबको बहुत-बहुत बधाई।’ पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के कुशल में नेतृत्व में मात्र 10 साल में आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया। इसी तरह पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। AAP 2012 में बनी थी। इसने दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाई। गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, NCP और भाकपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। यूपी में RLD समेत कई राज्य स्तर की पार्टियों का दर्जा खत्म कर दिया गया है। ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि कोई पार्टी अगर ‘राष्ट्रीय’ बनती है तो उससे क्या होता है और क्या बदल जाता है? क्या राष्ट्रीय पार्टी बनने से आम आदमी पार्टी को बड़ा फायदा होगा?
सबसे पहले यह जान लीजिए कि AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यों मिला है? निर्वाचन आयोग ने बताया है कि दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में आप के चुनावी प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है। इसके साथ ही अब देश में 6 राष्ट्रीय पार्टियां- भाजपा, कांग्रेस, माकपा, बसपा, AAP और नेशनल पीपल्स पार्टी हो गई हैं।
राष्ट्रीय पार्टी बनने से इतना तय है कि सियासी दल का दर्जा बढ़ता है। वह राज्य के दायरे से बाहर निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर खुद को पेश करती है। आम आदमी पार्टी की किस्मत पर बात करने से पहले टाइमिंग पर गौर करना जरूरी है। अगले साल के शुरुआती महीनों में आम चुनाव होने हैं। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हैं तो अब प्रचार के लिए जब आम आदमी पार्टी जनता के बीच जाएगी तो वह खुद को राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के रूप में पेश कर सकेगी। दूसरा अहम पहलू भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का है। अब AAP खुद को विपक्ष के खेमे में बेहतर स्थिति में रख सकेगी। उसकी बार्गेनिंग पावर बढ़ेगी। वैसे, पंजाब चुनाव के बाद से ऐसी चर्चा चल रही है कि सीएम केजरीवाल अब खुद को राष्ट्रीय राजनीति में देखना चाहते हैं। पार्टी के कुछ लोग पीएम कैंडिडेट के तौर पर केजरीवाल का नाम उछालते रहते हैं। खैर, सियासत जिस भी करवट बैठे, इतना तय है कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद केजरीवाल का कद बढ़ेगा। विपक्ष के पीएम उम्मीदवार को लेकर चर्चा में अब उनका नाम भी जरूर उछलेगा।
राष्ट्रीय पार्टी बनने की एक प्रक्रिया और शर्तें हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब और गोवा में पहले से ही राज्य स्तर की पार्टी की मान्यता हासिल कर चुकी थी। गुजरात चुनाव में AAP को 5 सीटें मिली और 12.92 प्रतिशत वोट मिले। 2022 के इस विधानसभा चुनाव के बाद ही आप का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले दिल्ली में AAP को 62 सीटें और पंजाब में 92 सीटें मिली थीं। गोवा में भी 6.80% वोट मिले थे। दो सीटें भी जीतने में पार्टी कामयाब रही।
दरअसल, किसी पार्टी को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिलता है तो वह राष्ट्रीय पार्टी बन जाती है। कोई दल अगर 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2% सीटें या कम से कम 11 सीटें जीतता है तो राष्ट्रीय बनने का रास्ता साफ हो जाता है। हां, 11 सीटें 3 अलग-अलग राज्यों से होनी चाहिए। या, अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6% वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।
राष्ट्रीय दल AAP को सीधा फायदा
सस्ती जमीन, टैक्स छूट के अलावा कई सुविधाएं
राष्ट्रीय दल को दिल्ली में पार्टी कार्यालय आवंटित होता है
मानक के अनुसार डोनेशन ले सकते हैं
राष्ट्रीय दल चुनाव में स्टार कैंपेनर के रूप में 40 नेताओं की लिस्ट दे सकते हैं
चुनाव प्रचार के दौरान दूसरे दलों के मुकाबले राष्ट्रीय दल को ज्यादा तवज्जो मिलती है
केजरीवाल ने कहा कि इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। सबको बहुत बहुत बधाई। देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहाँ तक पहुँचाया। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी है।