बिहार में 15 अप्रैल से जाति आधारित गणना का दूसरा दौर शुरू होने जा रहा है. इस गणना में बाकी सवालों के साथ लोगों से उसकी जाति भी पूछी जाएगी. इसके के बाद इसकी कोडिंग कर दी जाएगी. इस बीच सामान्य प्रशासन विभाग ने जाति की सूची से अगरिया, खड़िया और मारवाड़ी को बाहर कर दिया है. इसके साथ ही विरजिया और सेखड़ा जाति को जोड़ा गया है. इसकी वजह से जाति आधारित गणना के ऑनलाइन एप में जातियों का कोड बदल गया है.
इन जातियों के बदल गए कोड
जातियों के कोड बदलने के बाद अब कायस्थ का नया कोड 21 तो कुर्मी जाति का 24, कोइरी का 26, रविदास का 60, ब्राह्मण का 126, भूमिहार का 142, यादव का 165, राजपूत का 169, शेख का 181 नंबर हो गया है. यानी ये जातियां अब इन नए नंबरों से पहचानी जाएंगी.
लिस्ट में हैं 214 जातियों के नाम
दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग ने ऑनलाइन मोबाइल एप में प्रदेश में निवास करने वाली 214 जातियों के लिए कोड जारी किया है. वहीं, इस सूची में शामिल नहीं होने वाली जाति का अन्य कोड-215 रखा गया है. हालांकि, इस कोड के इस्तेमाल से पहले अंचल अधिकारी से लिखित में पूर्वानुमति लेनी होगी. उनकी लिखित पूर्वानुमति की प्रति संलग्न कर प्रपत्र समर्पित करना होगा.
इस जाति के बदले गए नाम
प्रशिक्षण कार्य में शामिल जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि 15 अप्रैल से प्रदेश में जाति आधारित गणना का दूसरा फेज शुरू होगा. उन्होंने बताया कि जाति आधारित गणना के ऑनलाइन एप में कायस्थ को 21, कुर्मी-24, कोइरी-26, रविदास-60, ब्राह्मण-126, भूमिहार-142, यादव-165, राजपूत-169, शेख-181 कोड मिला है. इसके साथ ही जाति कोड-206 में बदलाव किया गया है. इसमें दर्जी (हिंदू) उपनाम श्रीवास्तव/ लाला /लाल /दर्जी दर्ज था, जिसे हटाकर अब सिर्फ दर्जी (हिंदू) कर दिया गया है.
कोडिंग का यह होगा लाभ
दरअसल, सरकार इस कोड लिस्ट के जरिए जातियों की बड़ी फेहरिस्त में अपने काम की चीज आसानी से निकाल लेगी. इसके अलावा इससे डाटा एंट्री करने वाले ऑपरेटरों के लिए भी काम काफी आसान हो जाएगा. जातियों के कोड नंबर के जरिए जाति आधारित जनगणना में गिनती की जटिल प्रक्रिया भी पहले के मुकाबले आसान हो जाएगी.