वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बजट पेश करने से पहले पिछले सालों का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। उन्होंने बताया कि बेहद खुशी है आर्थिक सर्वेक्षण बेहतर रहा है। 2021-22 में आर्थिक विकास के मामले में बिहार तीसरे नम्बर पर है। दो राज्य भी थोड़े ही आगे है। हमारा प्रदेश सीमित संसाधनों का राज्य है। आंध्र प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन बहुत है, उसके मुकाबले बिहार में संसाधन बहुत कम है। बिहार में नदियां है। लेकिन उसका दंश ही झेलना पड़ता है। बाढ़ का चाह कर भी स्थायी निदान नहीं कर पाते हैं। कभी नेपाल से परेशानी होती है। भले वो बगल में है लेकिन मामला अंतराष्ट्रीय हो जाता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 21-22 में प्रतिव्यक्ति आय 6400 बढ़ा है। केंद्र की योजनाओं में पैसे नहीं मिल रहे हैं। हमें अपने संसाधन से योजना पूरा करना पड़ता है। कई योजनाओं में केन्द्रांश घटा दिए गए हैं और घटाने के बावजूद भी समय पर पैसे नहीं देते हैं। बिहार में रोड का घनत्व बढ़ा है। प्रति हजार किलो मीटर वर्ग किमी 3167 है।
विजय चौधरी ने कहा कि हम काफी रफ्तार से रोड बना रहे हैं। हेल्थ के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। शिक्षा में भी बेहतर सुधार हुआ है। 16 वर्ष में स्वास्थ्य में 11 गुना खर्च में वृद्धि हुई है। शिक्षा में 8 गुना खर्च बढ़ाया गया है। सबको मुख्य धारा में लाया जा रहा है। याद हैं जब प्रधानमंत्री आए थे तो उन्होंने भी कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार ने अच्छा काम किया है।
वित्त मंत्री ने कहा- मुख्यमंत्री हमेशा कहते रहते हैं महिलाओं को आगे बढ़ाना एवं शिक्षित कराना, सौ रोगों की एक दवा है। सभी आंकड़े बताते हैं की महिलाएं शिक्षित हो जाती हैं तो प्रजन दर कम हो जाता है। अधिकांश समस्या जनसंख्या बढ़ने से होती है। एक बात और कि महिलाओं का सशक्तिकरण जीविका अभियान से महिलाओं का आत्मबल एवं आत्म विश्वास बढ़ा है। जीविका समूह में अमूमन गरीब घर की महिला होती हैं। करोना का प्रकोप रहा, इसके बाद भी उस प्रकोप से बिहार निकलने में महारत हासिल किया है।
आर्थिक सर्वेक्षण पर बोलते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 2021-22 में आर्थिक विकास के मामले में बिहार पूरे देश में तीसरे स्थान पर है, जो दो राज्य आगे हैं उसका अंतर काफी कम है। हमारा प्रदेश सीमित संसाधनों का राज्य है। आंध्र प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन बहुत है, उसके मुकाबले बिहार में संसाधन बहुत कम है। नदियां है लेकिन राज्य के लोगों को उसका दंश ही झेलना पड़ता है। बाढ़ का चाह कर भी स्थाई निदान नहीं कर पाते हैं, कभी नेपाल से परेशानी होती है, भले वो बगल में है लेकिन मामला अंतराष्ट्रीय हो जाता है।
उन्होंने बताया कि 21-22 में प्रति व्यक्ति आय 6400 बढ़ा है। केंद्र की योजनाओं में पैसे नहीं मिल रहे हैं, हमें अपने संसाधन से योजना पूरा करना पड़ता है। कई योजनाओं में केन्द्रांश घटा दिए है और केंद्रांस घटाने के बावजूद भी समय पर पैसे नहीं मिल रहे हैं। बिहार में रोड का घनत्व बढ़ा है। प्रति हजार किलो मीटर वर्ग किमी 3167 है। सरकार काफी रफ्तार से सड़कों का निर्माण करा रही है। स्वास्थ के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। शिक्षा में भी बेहतर सुधार हुआ है। 16 वर्ष में स्वास्थ्य में 11 गुना खर्च में वृद्धि हुई है। शिक्षा में 8 गुना खर्च बढ़ाया गया है। सबको मुख्यधारा में लाया जा रहा है।