मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि जाति आधारित गणना राज्यों के साथ देश के लोगों की तरक्की और उनके आर्थिक विकास के लिए जरूरी है॥। नीतीश ने ‘समाधान यात्रा’ के तीसरे दिन वैशाली जिले में अलग–अलग विभागों के तहत चल रही विकास योजनाओं का जायजा लेने के बाद संवाददताओं से बातचीत में आज से पूरे राज्य में शुरू हुई जाति आधारित गणना पर कहा कि यह राज्यों के साथ ही देश के लोगों की तरक्की और उनके आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से पहले भी जाति आधारित गणना कराये जाने की मांग की गयी थी। जब वह सांसद थे‚ तब भी ये मांग उन्होंने केंद्र सरकार से की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधिारित गणना को लेकर उन्होंने सर्वदलीय बैठक की थी‚ उसमें सभी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। बैठक में सभी ने एकमत होकर कहा कि जाति आधारित गणना होनी चाहिए। वर्ष २०१० के बाद २०११ में केंद्र सरकार ने एक हद तक जनगणना के बाद इस संबंध में कुछ करने की कोशिश की‚ लेकिन लगता है वह ठीक ढंग से नहीं हो पाया‚ जिसके कारण उसे प्रचारित भी नहीं किया गया। नीतीश ने कहा कि वह पहले से ही कह रहे हैं कि जाति आधारित गणना पूरे देश में एक ही साथ करायें‚ जैसे आप जनगणना करते हैं उसी तरह जाति के आधार पर भी एक–एक चीज की जानकारी लोगों को हो जानी चाहिए। यहां सर्वदलीय बैठक के बाद सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी बातें रखीं। प्रधानमंत्री ने सबकी बातें सुनने के बाद निर्णय लिया कि केंद्र सरकार जाति आधारित गणना नहीं करायेगी। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर पर जाति आधारित गणना करा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां पर जाति आधारित गणना शुरू हो गयी है। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी रूपरेखा तय की और इस काम में ट्रेंड लोगों को लगाने का अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके पहले चरण में देखा जाएगा कि कौन कहां और कैसे रहते हैं। इसके साथ–साथ लोगों की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा‚ चाहे वो किसी भी जाति के हों। आर्थिक स्थिति का पता लग जाने से जनता को बहुत लाभ होगा चाहे वो अगड़ी जाति के हों‚ पिछड़े वर्ग के हों‚ दलित–महादलित समुदाय से हों अथवा किसी भी समाज के हों। नीतीश ने कहा कि सबलोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलने के बाद जो कमजोर होंगे उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जाति–धर्म के लोगों की स्थिति अच्छी होगी तभी राज्य आगे बढ़ेगा। जाति आधारित गणना के आधार पर यहां जो रिपोर्ट तैयार होगी‚ वह केंद्र को भेज दी जाएगी ताकि वो लोग भी देख लें कि यहां पर हमलोगों ने किस तरह से काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगहों पर लोग जाति की जगह उपजाति के बारे में बोल देते हैं‚ उससे काम नहीं चलेगा। इसके लिए आसपास के लोगों से भी जानकारी ली जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सही मायने में सबकी गिनती होनी चाहिए। इसके लिए जो गांव में रह रहे हैं‚ शहर में रह रहे हैं‚ कोई घर छोड़कर बाहर रह रहा है‚ उन सब लोगों के संबंध में पूरी जानकारी ली जाये और उसका पूरा आकलन किया जाय। इस गणना के बाद जो रिपोर्ट आयेगी उसकी पूरी जानकारी राज्य सरकार को उपलब्ध हो जाएगी। उसके बाद सरकार इसको प्रकाशित और प्रचारित भी करवाएगी। जो संभव हो रहा है राज्य सरकार अपने स्तर से कर रही है। नीतीश ने कहा कि केंद्र की जिम्मेवारी है कि सभी राज्यों को आगे बढ़ाये। सभी राज्य विकसित होंगे तभी देश विकसित होगा। जब कुछ राज्य अविकसित रहेंगे तो देश कैसे विकसित होगा। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को मिलाकर ही देश बना है इसलिए केन्द्र को सभी राज्यों पर ध्यान देना चाहिए।
इस दौरान बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर‚ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव‚ वित्त‚ वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी‚ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा‚ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान‚ लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज‚ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और विधायक सिद्धार्थ पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ‚ मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार‚ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव देवेश सेहरा‚ ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरुगन डी.‚ मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह‚ जिलाधिकारी‚ वैशाली यशपाल मीणा‚ पुलिस अधीक्षक वैशाली मनीष सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।