ये लो कर लो बात। अब तो अमित शाह जी ने राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख भी बता दी। न एक दिन पहले और न एक दिन बाद‚ 1 जनवरी 2024 को होगा मस्जिद की जगह वाले राम मंदिर का उद्घाटन। पर विरोधियों को तो शाह जी–मोदी जी की निकाली तारीख में भी मीन–मेख निकालने से मतलब है। और कुछ नहीं मिला तो कह रहे हैं कि 1 जनवरी ही क्योंॽ ईसाई कैलेंड़र की न सही‚ पर यह कम–से–कम देसी कैलेंडर की तारीख तो हरगिज नहीं है। ॥ नाम आत्मनिर्भरता का और काम रामलला से परदेसी कैलेंडर की तारीख का इंतजार कराने का–यह कैसी रामभक्ति है भाई! बाबरी मस्जिद का ध्वंस न सही‚ मंदिर का उद्घाटन तो देसी पंचांग से करा लेते! पर शाह साहब न विरोधियों के देसी पंचांग प्रेम के धोखे में आने वाले हैं‚ न आत्मनिर्भरता की उनकी दुहाई से‚ न राम मंदिर के उद्घाटन के तयशुदा प्रोग्राम से टस से मस होने वाले हैं। मंदिर का उद्घाटन तो १ जनवरी को ही होगा–नये साल में‚ राम लला के लिए नया भवन। वह भी छोटा–मोटा नहीं एकदम गगनचुंबी। छत के रास्ते स्वर्ग लोक में सीधे आने–जाने की सुविधा। और भगवा पार्टी के लिए फिर से दिल्ली की गद्दी पाने की सुविधा। और पब्लिक के लिए भी‚ अपना परलोक बनाने वालों को गद्दी देने की सुविधा। बेचारों का यह लोक तो बिगड़ गया। न करने को काम‚ न खरचने को दाम। अब इस लोक का तो कुछ नहीं हो सकता। कम–से–कम परलोक ही बना लें। यहां रोटी न सही‚ कम–से–कम परलोक में तो घी–दूध की नदियों में डुबकी लगाने का टिकट बनवा लें। यानी मंदिर भले रामलला का ही हो‚ पर नये साल का गिफ्ट‚ इंसान से लेकर भगवान तक सब के लिए। जो बात पहली जनवरी में है‚ किसी रामनवमी वगैरह में वो वाली बात कहां! सॉरी! मथुरा और बनारस की मस्जिद वाले‚ २०२४ के हैप्पी न्यू ईयर पर भी‚ शाह जी–मोदी जी से किसी गिफ्ट की उम्मीद नहीं रखें। राम मंदिर चालू हो जाएगा‚ तो यह सिलसिला रुक थोड़े ही जाएगा। तब मथुरा और बनारस का नंबर आएगा। उसके बाद औरों का। जब तक चुनाव आते रहेंगे‚ भगवाई मस्जिदों वगैरह पर मंदिर बनवाते रहेंगे। मंदिरों का विकास ही तो असली विकास है। शरीर की सेवा वाला विकास भी कोई विकास है।
चेन्नई के आसमान में राफेल और सुखोई ने दिखाई ताकत, वायुसेना के एयर शो में दिखा अद्भुत नजारा
अपनी 92वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय वायु सेना ने आज तमिलनाडु के चेन्नई मरीना एयरफील्ड में एक एयर एडवेंचर...