मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि भाजपा के लोग अलग हो गये हैं तो शराबबंदी पर दूसरी बात बोल रहे हैं। शराबबंदी को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा किया जाना गलत है। सबकी सहमति से शराबबंदी लागू की गई है। मुख्यमंत्री बुधवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोई जहरीली शराब पीकर मरता है तो यह हम लोग और प्रचारित करवा रहे हैं कि देखो क्या हाल होता है। अगर इस तरह से पियोगे तो मरोगे। देश के किस हिस्से में लोग शराब पीकर नहीं मरते हैं‚ संविधान को जान लीजिए। एक–एक चीज को जान लीजिए कि शराबबंदी लागू करना किसका अधिकार है। सारा कुछ देखकर ही यहां पर शराबबंदी कानून लागू किया गया है।
सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम यहां पर आई है तो दूसरे राज्यों में जो लोग मरे हैं उनको देखने गई है क्या ॽ क्या यहीं केवल घटना घटी हैॽ यहां तो बहुत कम घटना घटी है। जिसके द्वारा निर्मित शराब पीकर लोग मरेंगे हैं उसी से वसूली करके मुआवजा देने का प्रॉविजन बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने भाजपा द्वारा दिए जा रहे धरने के सवाल पर कहा कि वे लोग पहले क्यों सपोर्ट कर रहे थे। इसके पहले गोपालगंज में जहरीली शराब पीकर लोग मरे थे तो उस समय कभी कहे थेॽ
हमने समाज सुधार अभियान शुरू किया था तो उस समय साथ में थे। हम जो बोल रहे थे और उसी मीटिंग में उनके लोग जो बोल रहे थे‚ उसको सुन लीजिए। आज अलग हो गए हैं तो दूसरी बात बोल रहे हैं। यह भी देखने वाली चीज है कि कोई इधर–उधर तो नहीं करवा रहा है। यह भी जांच का विषय है।