आईपीएस अधिकारी राजविंदर सिंह भट्टी को बिहार का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पूर्वी कमान के एडीजी के पद पर कार्यरत थे। वर्तमान डीजीपी एसके सिंघल का कार्यकाल कल (19 दिसंबर) को खत्म हो रहा है। बता दें कि भट्टी 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इससे पहले वह बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के डीजी पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं। भट्टी मूल रूप से पंजाब के हैं लेकिन बिहार कैडर होने की वजह से उन्होंने राज्य में क्राइम को कम करने के लिए काफी काम किया है।
बिहार में कड़क अधिकारी की छवि
बिहार में भट्टी की छवि एक कड़क अधिकारी की है। कहा जाता है कि उन्होंने शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह, दिलीप कुमार सिंह जैसे बाहुबलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान बिना किसी हिचकिचाहट के काम किया था। उन्हें सीवान में डीआईजी के तौर पर काम करने का भी मौका मिला। भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत 2 बार सीबीआई में भी रहे हैं और उन्होंने एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) में चीफ विजिलेंस ऑफिसर (CVO) के रूम में भी सेवाएं दी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने की जो विशेष गुप्त योजना बनी थी, उसे आरएस भट्टी ने ही अंजाम दिया था। साल 2005 में विधानसभा चुनाव के वक्त विशेष तौर पर उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बिहार लाया गया था। सीवान एसपी के रूप में 5 नवंबर 2005 को आरएस भट्टी की ओर से शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी महिला इंस्पेक्टर गौरी कुमारी को सौंपी थी। गौरी ने शहाबुद्दीन को दिल्ली वाले आवास से गिरफ्तार किया था। उस वक्त एसपी भट्टी सीवान में बैठकर पूरे ऑपरेशन को ऑपरेट कर रहे थे। उसके बाद इन्हें सीवान में डीआईजी के रूप में पदभार सौंपा गया था।
बिहार में वर्तमान में डीजी रैंक के 11 अफसर हैं। इनमें से छह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राज्य में आए हुए हैं। केंद्र सरकार की ओर से तीन नामों का चयन कर सूची बिहार सरकार के गृह विभाग को भेजी गई थी। इन्हीं तीन नामों से एक को बिहार के डीजीपी के लिए चुनना था। राज्य सरकार की ओर नए डीजीपी के रूप में आईपीएस राजविंदर सिंह भट्टी को चुना गया।
बिहार में जहरीली शराब बिक्री के मामले ने तूल पकड़ा
बिहार में इस समय जहरीली शराब की खुलेआम बिक्री के मामले ने तूल पकड़ रखा है। आज फिर जहरीली शराब की वजह से लोग बीमार हुए हैं और अस्पताल में भर्ती हुए हैं। अब तक जहरीली शराब पीने की वजह से 72 लोगों की जान जा चुकी है।