बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल को फर्जी चीफ जस्टिस बनकर खुद के लिए पैरवी करवाने के मामले में आरोपी बनाए गए आईपीएस आदित्य कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. आय से 131 प्रतिशत अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित आईपीएस के पटना और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद एवं मेरठ स्थित आवास और फ्लैट में विशेष निगरानी इकाई ने बुधवार को छापेमारी की. छापेमारी में आदित्य कुमार के ठिकानों से 20 लाख रुपये कैश एवं विभिन्न बैंक खातों में लगभग 90 लाख रुपये मिले हैं. साथ ही शेयर बॉंड एवं फिक्स डिपोजिट में लगभग 5 लाख रुपये के निवेश की भी जानकरी मिली है.
एसवीयू से मिली जानकारी के अनुसार आईपीएस आदित्य कुमार ने अपनी कार्य अवधि में विभिन्न जगहों पर पदस्थापित रहने के दौरान अकूत चल और अचल सम्पत्ति अर्जित की है. पटना के हाउसिंग सोसाइटी के आईसीएस कॉर्पोरेशन में 18 लाख का फ्लैट, सुगना मोड़ वसीकुंज सोसाइटी में 60 लाख रुपये का फ्लैट और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के वसुंधरा में 30 लाख का फ्लैट मिले हैं. इन सभी की कुल कीमत एक करोड़ आठ लाख रुपये आंकी गई है.
साथ ही गया के पूर्व एसएसपी और आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के विभिन्न बैंकों में निवेश से संबंधित बड़े साक्ष्य सामने आए हैं. स्टेट बैंक समेत दूसरे बैंकों में आईपीएस आदित्य और उनके परिजनों के नाम पर कई तरह के निवेश और पासबुक के साथ ही एक लॉकर का भी पता चला है. पटना स्थित वशीकुंज सोसाइटी, सगुना मोड़ के फ्लैट के इंटीरियर एवं विभिन्न प्रकार के कीमती समानों का पता चला है, जिसकी कुल कीमत लगभग 18 से 20 लाख के बीच आंकी गयी है.
बता दें कि आईपीएस आदित्य कुमार गया के वरीय पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं. हालांकि, अभी वे निलंबित हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है, जो कि उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत अधिक है. इस मामले में विशेष निगरानी इकाई में कांड दर्ज किया गया है.
आय से अधिक संपत्ति के मामले में आज की इस कार्रवाई के बाद आईपीएस आदित्य कुमार के मुश्किलें चौतरफा बढ़ गई हैं. उनके खिलाफ में आने से पहले ही फरारी का इस्तेमाल जारी हो गया है और अब उनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की टीम कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू करने वाली है. उनकी अग्रिम जमानत याचिका पटना में न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी है.