वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस बात से पूरी तरह सहमत हुआ जा सकता है कि प्रवर्तन एजेंसियों को मादक द्रव्यों के छोटे-मोटे मामलों में लिप्त छुटभैये अपराधियों की धरपकड़ में व्यस्त रहने के बजाए इस धंधे में शामिल ‘वड़ी मछलियों की धरपकड़ पर पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वित्त मंत्री का कहना था कि यह पता लगाने की निहायत सख्त जरूरत है कि भारत में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की खेप कौन भेज रहा है। नशीले पदार्थों की तस्करी संगठित अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का ही काम हो सकता है। वित्त मंत्री राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 65वें स्थापना दिवस के मौके पर डीआर आई अधिकारियों और कार्मिकों से मुखातिब थीं। उन्होंने कहा कि राजस्व खुफिया अधिकारियों को हाथ में आए प्रत्येक मामले को जल्द-से-जल्द तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए। अपराधी निश्चित रूप से कुछ-न-कुछ सबूत छोड़ते ही होंगे. जिनके आधार पर गिरोह के मुख्य सरगना तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि तस्कर अधिक चालाकी न दिखा सकें। नशीले पदार्थो के पाउच या एका किलोग्राम कोकीन के साथ किसी को पकड़ लेना ही काफी नहीं है। देश में नशीले पदार्थों के पहाड़ कौन भेज रहा है, वो कौन लोग हैं जो इसके लिए धन लगा रहे हैं और इसे संभव बना रहे हैं उन्हें पकड़ना होगा। हाल के महीनों में गुजरात वंदरगाहों पर भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई है। इससे पूरा देश हैरान और परेशान है। पिछले ही हफ्ते गुजरात में लगभग 478 करोड़ रुपये की 143 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी। डीआरआई के कामकाज पर भी यदाकदा उंगलियां उठती रही हैं। नशीले पदार्थों की जब्ती की खबरें भी लोगों के मन में सवाल उठाती हैं कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कितने जेल गए, और वास्तव में इसके पीछे कौन हैं? छोटे-मोटे पंटरों और तस्करों के माल को इधर-उधर करने वालों की गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है। बड़ी मछलियों को शिकंजे में लेना जरूरी है। डीआरआई अधिकारी को मुख्य अपराधियों तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक समन्वय पर अधिक जोर देना चाहिए। मादक पदार्थों के धंधे में कानून का खौफ और मिलने वाली सजा ही पर्याप्त होती है। भारत में आज तक तो किसी मादक पदार्थ तस्कर को मौत की सजा का उदाहरण नहीं मिलता जवकि अनेक देशों में यह आम सजा है।
बिहार में होली के आसपास पुलिसकर्मियों पर 12 हमले, 2 ASI की मौत
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। होली के मौके पर राज्य के अलग-अलग...