स्पाइन मानव शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और नाजुक भाग है‚ इसमें लगने वाली चोट को गंभीर माना जाता है। हालांकि‚ डिस्क‚ लिगामेंट्स और मांसपेशियां स्पाइन की सुरक्षा करते हैं‚ लेकिन फिर भी इसके क्षतिग्रस्त होने की आशंका काफी अधिक होती है। स्पाइन से गुजरने वाली स्पाइनल कार्ड जो गर्दन से कमर तक होती है उसमें कई तंत्रिकाएं होती हैं जो मस्तिष्क और शरीर के मध्य संदेशों को ट्रांसफर करती हैं। इसलिए स्पाइन को होने वाली कोई भी क्षति चोट लगने वाले स्थान के नीचे से मूवमेंट को प्रभावित (लकवा) करती है। जाहिर है अगर स्पाइनल कॉर्ड में किसी भी प्रकार की चोट (इंजरी) लग जाए‚ तो यह स्थिति पूरे शरीर के लिए घातक हो सकती है। स्पाइनल कार्ड को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पहुंचा कोई नुकसान जिसके कारण कशेरूका‚ लिगामेंट्स या रीढ़ की हड्डी की डिस्क को किसी तरह की क्षतिग्रस्त होती है को स्पाइनल कार्ड इंजुरी या ट्रॉमा कहते हैं। इस क्षति के कारण शरीर की शक्ति‚ संवेदना और दूसरी कार्य प्रभावित होते हैं।
तीन तरह के होते हैं स्पाइनल कार्ड ट्रॉमा
थोरेसिक (चेस्ट लेवल) इंजुरीज
लम्बो–सैकरल (लोवर बैक) इंजुरीज।
सर्वाइकल (नेक) इंजुरीज
पुरुषों में स्पाइनल कार्ड ट्रॉमा के मामले हैं अधिक
स्पाइनल कार्ड ट्रॉमा किसी को भी हो सकता है‚ लेकिन कुछ कारक हैं जो स्पाइनल कार्ड के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ा देते हैं। पुरुûषों में स्पाइनल कार्ड ट्रॉमा के मामले महिलाओं से अधिक देखे जाते हैं।
रिस्क फैक्टर
१६–३० वर्ष या ६५ वर्ष से अधिक उम्र के लोग
जो लोग जोखिम वाली गतिविधियों में भाग लेते हैं जैसे बिना सुरक्षा के ड्रायविंग या खेलकूद
जिन्हें हड्डियों या जोड़ों से संबंधित कोई डिसआर्डर जैसे अर्थराइटिस या ऑस्टियोपोरोसिस है
जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं।
कारण
रीढ़ की हड्डी को अचानक लगी कोई चोट।
सड़क दुर्घटनाएं।
खेलकूद या मनोरंजक गतिविधियों में लगी कोई चोट।
हिंसक गतिविधियों में लगी कोई चोट।
ऊंचाई से गिर जाना
शरीर के मध्य भाग को अत्यधिक ट्विस्ट करना।
स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अर्थराइटिस‚ कैंसर‚ सूजन‚ संक्रमण या स्पाइन की डिस्क डिजनरेशन/विकृति के कारण भी स्पाइनल कार्ड को क्षति पहुंच सकती है। ऐसे पहचानें
मूवमेंट प्रभावित होना।
संवेदना खत्म हो जाना जिसमें ठंडा‚ गर्म और छूने की क्षमता सम्मिलित हैं।
नर्व फायबर के क्षतिग्रस्त होने से दर्द‚ कड़ापन या झुनझुनी महसूस होना।
हाथों‚ पैरों या उंगलियों में सुन्नपन होना।
कमजोरी लगना और संतुलन बनाने में परेशानी होना।
शरीर के कोई भाग या पूरे शरीर का लकवाग्रस्त होना।
चलने‚ खड़े होने‚ सांस लेने‚ खांसने में परेशानी होना।
डायग्नोसिस
स्पाइनल कार्ड इंजुरी एक मेडिकल इमरजेंसी है‚ जिसके लिए तुरंत डायग्नोसिस और उपचार की जरूरत होती है। इसे एक्स–रे‚ सीटी स्कैन‚ एमआरआई स्कैन‚ म्येलोग्राम‚ सोमैटोसेनसरी इवोक्ड पोटेंशियल टेस्टिंग या मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन आदि के जरिए पता लगाया जा सकता है।
स्पाइनल कार्ड इंजुरी से ऐसे करें बचाव
अगर आप स्टूल पर खड़े़ हो या ऊपर रखी किसी चीज तक पहुंचने की कोशिश कर रहें हो तो अत्यंत सावधानी बरतें। सीढ़ियों हैंड़रेल पकड़़ कर चढ़े। बाथरूम के फर्श पर कम फिसलन वाली टाइल का उपयोग करें। खेल के समय अपने सिर को सुरक्षित रखें‚ हेलमेट पहनें।गाड़़ी की दुर्घटना‚ रीढ की हड्ड़ी में चोट का सबसे आम कारण है। सीट बेल्ट का इस्तेमाल जरूर करें। शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाडी न चलाएं। अगर आपके ड्राइवर ने शराब पी रखी है तो उसे गाड़़ी न चलाने दें।