भारत निर्वाच आयोग (Election Commission of India) ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह (Election Symbol) को फ्रीज कर दिया है. उसका कहना है कि अपने अगले तक पार्टी इसे इस्तेमाल नहीं कर सकेगी. इसका मतलब है कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के साथ एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) खेमा अब इस चिन्ह का उपयोग नहीं कर सकेगा. दोनों ही पक्षों को अंधेरी ईस्ट असेंबली सीट पर आगामी तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में किसी अन्य चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करना होगा. इस बीच उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नर्वोकर ने एक ट्वीट जरिए नए चुनाव निशान को लेकर एक सुझाव पेश किया है. उन्होंने बाघ की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, हमारा चिन्ह ‘उद्धव बालासाहेब ठाकरे’.
इस दौरान चुनाव आयोग के आदेश के बाद दोनों गुटों ने आज बैठक बुलाई है. उद्धव ठाकरे अपने विधायकों के साथ दोपहर को मोतीश्री में मुलाकात करने वाले हैं. वहीं एकनाथ शिंदे अपने खेमे के साथ शाम के सात बजे अपने आवास पर बैठक लेने वाले हैं. दोनों ही गुटों को 10 अक्टूबर दोपहर एक बजे तक अपना निर्णय निर्वाचन आयोग के सामने रखना होगा. आयोग ने इस बात की छूट जरूर दी है कि दोनों गुट अपने नाम के साथ सेना शब्द का उपयोग कर सकते हैं. उद्धव और शिंदे गुट के बीच बीते कई महीनों से चुनाव चिन्ह को लेकर बहस चल रही थी.
उद्धव ठाकरे जहां शिवसेना को अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की पार्टी बताकर इस चिन्ह को अपना बताते हैं. वहीं एकनाथ शिंदे का कहना है कि लोकतंत्र में पार्टी उसी की है, जिसके पास पर्याप्त बहुमत हो. उनका कहना है कि फिलहाल शिवसेना विधायकों का बहुमत उनके पास है.
उद्धव गुट पदाधिकारियों से बनवा रही एफिडेविट
सूत्रों के मुताबिक उद्धव गुट ने चुनाव आयोग में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सभी पदाधिकारियों से एफिडेविट देने के लिए कहा है। पार्टी की ओर से अनिल देसाई इसका नेतृत्व कर रहे हैं। उद्धव गुट का कहना है कि पार्टी में कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके साथ हैं। ऐसे में शिवसेना के असली अधिकार उन्हीं के पास रहेगी। इधर, फर्जी एफिडेविट जब्त होने के बाद उद्धव गुट के नेताओं की मुश्किल बढ़ सकती है।
उद्धव और शिंदे गुट ने बुलाई बैठक
उपचुनाव से पहले शिवसेना के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने को ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि अब उन्हें अलग चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ना होगा। उद्धव ठाकरे इस मामले में 9 अक्टूबर को 12 बजे अपने नेताओं के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक उनके घर मातोश्री में होगी। वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे अपने मंत्रियों और सांसदों के साथ शाम 7 बजे वर्षा में बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि दोनों गुटों की बैठक में सिंबल और पार्टी के नाम को लेकर चर्चा होगी।
शिंदे गुट ने किया है पार्टी पर दावा
ठाकरे से बगावत कर भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने धनुष-बाण पर दावा किया था। वहीं, ठाकरे की ओर से कहा गया था कि शिंदे पार्टी छोड़ चुके हैं, इसिलए उनका पार्टी या उसके चुनाव चिह्न पर कोई दावा नहीं बनता। हाल ही में आयोग ने ठाकरे और शिंदे से शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर अधिकार के दावे को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था। ठाकरे ने शुक्रवार को चुनाव आयोग में अपना जवाब दाखिल किया। उद्धव गुट ने 5 लाख से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों और सदस्यों के समर्थन वाला हलफनामा भी दाखिल किया है।
3 नवंबर को चुनाव, 6 नवंबर को रिजल्ट
चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख घोषित की। 3 नवंबर को महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के लिए चुनाव होगा। शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। 11 मई को रमेश लटके को दुबई में हार्ट अटैक से निधन हो गया था।
20 जून से शुरू हुआ था शिवसेना का विवाद
शिवसेना का विवाद 20 जून से शुरू हुआ था, जब शिंदे के नेतृत्व में 20 विधायक सूरत होते हुए गुवाहाटी चले गए थे। इसके बाद शिंदे गुट ने शिवसेना के 55 में से 39 विधायक के साथ होने का दावा किया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था।