कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन वापसी की आखिरी तारीख के बाद अब दो उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं-शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे। इन दोनों के बीच मुकाबला इस मायने में भी खास है कि लंबे समय बाद अब जो भी कांग्रेस प्रेसीडेंट बनेगा, वो गांधी परिवार का नहीं होगा।
17 अक्टूबर को होगा कांग्रेस प्रेसीडेंट इलेक्शन
17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। इस चुनाव के लिए सभी राज्यों में 67 बूथ बनाए गए हैं। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) ने ये जानकारी दी है। सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, एआईसीसी मुख्यालय में भी एक बूथ होगा, खासकर सभी वरिष्ठ नेताओं, कार्य समिति के सदस्यों और उन सभी लोगों के लिए जिनके पहचान पत्र अलग राज्य से हैं लेकिन दिल्ली में रह रहे हैं। अगर वे बताते हैं कि वे दिल्ली में वोट करना चाहते हैं तो हम यहां भी व्यवस्था करेंगे, वे यहां एआईसीसी मुख्यालय में भी वोट कर सकते हैं।
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों के लिए बनेगा कैंप बूथ
राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों के लिए एक कैंप बूथ बनाया जाएगा। इन उम्मीदवारों के लिए प्रचार की प्रक्रिया शनिवार से आधिकारिक रूप से शुरू हो गई, हालांकि उन्होंने पहले ही अभियान शुरू कर दिया है। तकनीकी रूप से, संविधान के अनुसार, हम उन्हें सात दिन तक नामांकन वापस लेने का समय देते हैं।
चुनाव में होगी गुप्त मतदान की प्रक्रिया
मधुसूदन मिस्री ने कहा कि ‘हर राज्य की राजधानी में 17 अक्टूबर को चुनाव होंगे। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चुनाव का समय होगा। यह चुनाव गुप्त मतदान से होगा। सभी बैलट बॉक्स एआईसीसी मुख्यालय लाए जाएंगे और फिर 19 अक्टूबर को मतगणना होगी और मतगणना समाप्त होते ही परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
जीत के लिए दोनों प्रत्याशियों की ओर से जतन
नामांकन वापस लेने की तारीख निकलने के बीच शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे अपने अपने पक्ष में जीत के लिए जतन भी करने लगे हैं। थरूर ने जरूर यह कहा था कि यह चुनाव एक फ्रेंडली मैच की तरह है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि चुनाव में मतदान प्रक्रिया गुप्त रखी जाएगी, इसलिए वोट करने वाले भले ही जाहिर तौर पर खड़गे का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वे उन्हें यानी थरूर को भी वोट दे सकते हैं।
सोनिया ने नामांकन से पहले थरूर से की थी बात
यह जरूर है कि लंबे समय बाद कोई गांधी परिवार के बाहर का व्यक्ति कांग्रेस प्रेसीडेंट बनेगा। लेकिन दोनों ही प्रत्याशी गांधी परिवार से अलग नहीं हैं। जहां मल्लिकार्जुन खड़गे खुद कई मौकों पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रति ‘वफादारी’ दिखा चुके हैं, वहीं शशि थरूर को खुद सोनिया गांधी ने तलब किया था और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सलाह दी थी। अब देखना यह है कि चुनाव के बाद क्या समीकरण बनते हैं।
क्या राहुल गांधी सच कह रह रहे हैं?
राहुल गांधी ने तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया, इस कारण पार्टी में चुनाव की नौबत आई है। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और तब से इश शर्त पर अड़े रहे कि नया अध्यक्ष उनके परिवार से बाहर का हो। हालांकि, विरोधी दलों के साथ-साथ कई कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अध्यक्ष नहीं रहकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने या उन्हें प्रभावित करने का आरोप लगाते रहे हैं। गुलाम नबी आजाद जैसे दिग्गज कद्दावर और जयवीर शेरगिल जैसे युवा नेताओं ने इन्हीं आरोपों के साथ कांग्रेस पार्टी से विदाई भी ले ली।