झारखंड का साहिबगंज जिला भी दूध उत्पादन के क्षेत्र में अपनी नयी पहचान बनाएगा. जिले में 50 हजार लीटर क्षमता वाले डेयरी प्लांट की शुरुआत आज होने जा रहा है । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज महादेवगंज स्थित मेधा डेयरी प्लांट का उद्घाटन करेंगे। इस सम्बंध में बात करते हुए मेधा डेयरी के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि यह डेयरी प्लांट साहिबगंज जिले की पहचान को बदल देगा. साथ ही जिले और राज्य को विकास की गति प्रदान करेगा और क्षेत्र में गौपालकों को इससे काफी लाभ होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह अप्रैल, 2017 को साहिबगंज में डेयरी प्लांट की आधारशिला रखी थी। यह चार साल में बनकर तैयार हो गया था। इस प्लांट का निर्माण एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) ने 34 करोड़ की लागत से बनाकर तैयार किया है। इस प्लांट की झमता प्रतिदिन 50 हजार लीटर दूध स्टॉक करने की है। भविष्य में इसकी क्षमता बढ़ाकर एक लाख तक की जा सकती है। प्लांट बनने के बाद सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ लिमिटेड ने मेधा ब्रांड से होने वाले उत्पादन का नाम दिया। इस प्लांट से लगभग 2200 किसान और डेयरी कॉपरेटिव सोसाइटी और बीएमसी से लोग जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जिला में डीसीएस ( डेयरी सहकारिता समिति) का केद्र 40 पंचायत में खोला गया है, जहां दूध जमा होता है। जिले में दो स्थान पर बीएमसी (बल्क मिल्क कूलर) है, जिसमें एक राजमहल के मंगलहाट और दूसरा डेहारी में खोला गया है। दो और बीएमसी पतना और बरहेट में खोले जा रहे है, जिसका काम अंतिम चरण में है।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पांच हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जुड़ने का मौका मिलेगा। ट्रायल पर चार प्रकार का दूध, जिसमें शक्ति स्पेशल, शक्ति, ताजा मिल्क, गाय का दूध और पनीर लस्सी, दही, फ्लेवर और घी तैयार कर बाजार में भेजा जाता है। इसके विधिवत उद्घाटन के बाद दूध से बने अन्य उत्पाद को तैयार कर सकेंगे।
वहीं राज्य के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि साहिबगंज में मुख्यमंत्री के हाथों 50 हजार लीटर क्षमता वाले मेघा डेयरी प्लांट का उद्घाटन होना है। इससे इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मिलेंगे। इस योजना से केवल साहिबगंज ही नहीं, पाकुड़ को कैसे लाभ पहुंचाया जाए इसपर विचार किया जा रहा है। वे मंगलवार को पाकुड़ परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को डेयरी की ओर से प्रोत्साहित किया जाता है। अब सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है। पिछले साल से सरकार की ओर से उत्पादक को प्रति लीटर एक रुपया दिया जा रहा है। सरकार अब इस साल से प्रोत्साहन राशि को दो रुपया करने जा रही है। इससे दुग्ध उत्पादकों में काफी उत्साह है। सरकार का लक्ष्य 2024 तक पांच लाख लीटर दुग्ध संग्रह का है।