बिहार विधानपरिषद चुनाव 2022 को लेकर सियासी गतिविधियां बढ़ चुकी हैं. विभिन्न दलों की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा करने का सिलसिला लगातार जारी है. सत्तारूढ़ जेडीयू और मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के बाद अब भाजपा ने भी विधानपरिषद चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. भाजपा ने MLC चुनाव के लिए 2 उम्मीदवारों का ऐलान किया है. विधानपरिषद चुनाव के लिए जारी प्रत्याशियों की सूची में भाजपा नेता हरि साहनी और अनिल शर्मा का नाम शामिल है. बता दें कि जदयू और राजद की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद से ही भाजपा द्वारा भी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने का अनुमान जताया जा रहा था.
बिहार कांग्रेस विधान परिषद चुनाव में खेल बिगाडऩे की तैयारी में है। कांग्रेस का दावा है कि दूसरे दलों के करीब 15-16 विधायक हमारे संपर्क में हैं। इस वजह से पार्टी एक प्रत्याशी उतारने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ, तो विधान परिषद चुनाव में मतदान की नौबत आ सकती है। मतदान की नौबत आई तो क्रास वोटिंग का खतरा पार्टियों की इज्जत उतार सकता है। इसके साथ ही जीतन राम मांझी की पार्टी हम और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के विधायकों की पूछ बढ़ सकती है। इधर, बुधवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी एमएलसी चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
चार दलों से उतारे जा सकते हैं उम्मीदवार
दरअसल, एमएलसी चुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी केवल भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस ने की है। राजद के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। जदयू उम्मीदवार आज नामांकन कर सकते हैं। भाजपा अपने दो उम्मीदवारों को अपने दम पर विधान परिषद भेज सकती है, लेकिन जदयू को अपने दो उम्मीदवार, राजद को अपने तीन उम्मीदवार और कांग्रेस के एक उम्मीदवार को बगैर दूसरी पार्टियों के सहयोग के चुनाव जीताना नामुमकिन होगा। ऐसे हालात में एआइएमआइएम, हम और वाम दलों के समर्थन के बिना चुनाव जीतना संभव नहीं होगा।
क्रास वोटिंग का सता रहा खतरा
विधान परिषद चुनाव की जारी प्रक्रिया के बीच कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस परिषद चुनाव में एक उम्मीदवार पर दांव लगाने पर विचार कर रही है। तिवारी ने कहा वे किसी भी दल के विधायकों को क्रास वोटिंग के लिए उकसा नहीं रहे, लेकिन विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज पर कांग्रेस के प्रत्याशी के साथ जाने का दावा कर रहे हैं। इसके बाद पार्टी एक दमदार उम्मीदवार पर दांव लगाने पर विचार कर रही है।
कांग्रेस में दो नामों की हो रही चर्चा
पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल टिकट के लिए दो नाम चर्चा में हैैं। एक संजीव सिंह की दूसरी कौकब कादरी की। तिवारी ने कहा पहले उम्मीद थी कि भाकपा माले व अन्य वामपंथी दल कांग्रेस के साथ मिलकर एक उम्मीदवार देंगे। माले द्वारा राजद पर भरोसा जताए जाने के बाद पार्टी ने परिषद चुनाव में प्रत्याशी देने का फैसला वापस ले लिया था।
कांग्रेस के पास अपने 19 विधायक
अब अन्य पार्टियों के 15-16 विधायकों के आग्रह पर कांग्रेस ने प्रत्याशी पर दांव लगाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के पास अपने 19 विधायक हैं। यदि दूसरे दल में अपने ही लोगों से नाराज चल रहे 15-16 विधायक कांग्रेस के लिए वोट देते हैं तो हमारी जीत संभव हो जाएगी। तिवारी ने कहा प्रत्याशी पर निर्णय होते ही नाम सार्वजनिक किया जाएगा।
जान लीजिए चुनाव में जीत का गणित
बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए फिलहाल चुनाव हो रहा है। विधान परिषद में कुल 243 सीटें हैं। पार्टी वार विधायकों की स्थिति देखें तो फिलहाल भाजपा अपने दम पर दो, राजद दो और जदयू एक उम्मीदवार को चुनाव जीताने लायक संख्या बल रखती हैं। जदयू और राजद के एक-एक उम्मीदवार को जीताने के लिए अन्य दलों के सहयोग की जरूरत पड़ेगी।